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एलजेपी नेता रामविलास पासवान को पूरे गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दी गई अंतिम विदाई

बिहार के खगड़िया जिले के शहर बन्नी गांव के अनुसूचित जाति परिवार में जन्मे रामविलास पासवान के पार्थिव शरीर को पटना में दीघा स्थित जनार्दन घाट पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ पंचतत्व में विलीन कर दिया गया। उनके अंतिम विदाई में अनेकों दिग्गज नेताओं ने शिरकत किया और शोक व्यक्त करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम माँझी ने शनिवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर दलित नेता रामविलास पासवान को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने और उनके दिल्ली आवास को स्मारक घोषित करने की मांग की है। वही बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने भी रामविलास पासवान को ‘भारत रत्न’ देने की मांग की है।

दिवगंत राजनेता रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर के बाद देश में दलितों के सबसे बड़े नेता रामविलास पासवान थे. जेपी के बाद बिहार के वे पहले ऐसा नेता रहे जिन्हें मिलिट्री ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई।

 

 

 

 

वही सीएम नीतीश कुमार  ने रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके कामों को हमेशा याद रखा जाएगा. वैसे तो हर किसी को एक न एक दिन जाना है, लेकिन इस प्रकार से किसी के जाने पर भारी पीड़ा और तकलीफ़ होती है।

बता दे कि राम विलास पासवान 32 वर्षों से राजनीति में थे. इस दौरान उन्होंने 11 चुनाव लड़ें. जिनमें नौ में उन्हें जीत मिली. वर्तमान में वे सत्रहवीं लोकसभा में मोदी सरकार के उपभोक्ता मामलात के मंत्री थे.

पटना के दीघा स्थित जनार्दन घाट पर तमाम बड़े नेता मौजूद थे जानकारी के मुताबिक, सीएम नीतीश कुमार, केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह, अश्वीनी चौबे,बिहार के उप मुख्यमंत्री- सुशील मोदी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पप्पू यादव समेत कई नेता वहां मौजूद थे।

 

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