बिहार के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह का निर्धन हो गया।
भारतीय नेशनल दस्तक रिपोर्टर
बिहार के कद्दावर नेता और लालू प्रसाद के सबसे करीबी राष्ट्रीय जनता दल के बैकबोन रघुवंश बाबू की मृत्यु एम्स में हो गया। रघुवंश बाबू को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी पिछले कई दिनों से काफी परेशान भी चल रहे थे।
4 अगस्त से भर्ती थे एम्स में रघुवंश बाबू। रघुवंश बाबू के निगरानी में चार डाक्टर आईसीयू में कर रहे थे इलाज।
3 दिन पहले आरजेडी से दिया था। इस्तीफा मगर लालू प्रसाद ने खारिज कर दिया था। अपने अस्तर से। इस्तीफा सामान पन्नों पर लिखकर भेजा था। इस पर उन्होंने लिखा था की जननायक कर्पूरी ठाकुर के निर्धन के बाद 32 वर्षों तक आपके साथ पीछे पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं।
रघुवंश बाबू का 74 वर्ष की आयु में निधन हुआ रघुवंश बाबू को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रहा था। इन्हें भिंडी लेटर पर रखा गया था पहले बाबू को करोना हो गया था ठीक होने के बाद दिल्ली लाया गया कोविड मर्ज के इलाज के लिए।
रघुवंश प्रसाद सिंह का जन्म वैशाली के शाहपुर में 6 जून 1946 को हुआ था उन्होंने 5 बार विधायक और 5 बार लोकसभा एवं एक बार विधान परिषद में प्रतिनिधित्व किया ।
वे गणित विषय से पीएचडी किए थे। रघुवंश बाबू कर्पूरी ठाकुर की सरकार में ऊर्जा मंत्री थे। जीवन के अंतिम समय में आरजेडी से मोहभंग हो गया।
डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह का 74 वर्ष की उम्र में निर्धन हुआ।
रघुवंश बाबू के मृत्यु से पूरे बिहार में शोक की लहर है राजनीतिक गलियारों में हलचल सी मच गई है।