मुंगेर में हुए गोलीकांड के खिलाफ लोगो में आक्रोश : एस पी लिपि सिंह और डीएम को हटाया गया
बिहार के मुंगेर में दशहरा पर मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई फायरिंग में मौत मामले में शासन ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। लोगों के रोष को देखते हुए महकमे ने यहां के डीएम और एसपी दोनों को हटा दिया है। इससे पहले गुरुवार सुबह नाराज लोगों ने जिला मुख्यालय स्थित एसपी कार्यालय और एसडीओ आवास में जमकर तोड़फोड़ की। इस दौरान कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और साथ ही साथ थाने पर पथराव भी किया गया।
एसपी लिपि सिंह बने जनरल डायर
स्थानीय लोगों का कहना है कि लिपि सिंह बेहद क्रूर किस्म की पुलिस अधिकारी हैं। लोगों का आरोप है कि लिपि सिंह ने जलियांवाला बाग कांड की तरह निहत्थे लोगों पर गोलियां और लाठी चलाने के आदेश देकर बेहद ही क्रूरता का परिचय दिया जिसके कारण लोगो ने जनरल डायर तक कह डाला । मुंगेर जिले की पुलिस अधीक्षक लिपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र माने जाने पूर्व आईएएस अधिकारी एवं जेडीयू के राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह की बेटी हैं।
प्रतिमा विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज के खिलाफ गुरुवार को लोगों की भीड़ सड़क पर उतर आई। प्रदर्शनकारी 26 अक्टूबर को फायरिंग में एक शख्स की मौत का विरोध कर रहे थे। भीड़ धीरे-धीरे SDO और SP एसपी ऑफिस की तरफ बढ़ गई। इस दौरान भीड़ हिंसक हो गई और उन्होंने तोड़फोड़ शुरू कर दी। आक्रोशित भीड़ ने कुछ वाहनों का आग भी लगा दी।
बता दे स्थानीय लोगों ने पुलिस की गोलीबारी में 20 साल की उम्र के एक युवक की मौत का आरोप लगाया। इस पर मुंगेर के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने कहा था कि वह भीड़ के बीच से किसी के द्वारा चलाई गई गोली से मारा गया था। जबकि घटना के बाद पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने कहा था, ‘कुछ असामाजिक तत्वों ने दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान पथराव किया, जिसमें 20 जवान घायल हो गए। भीड़ की तरफ से भी गोलीबारी की गई जिसमें दुर्भाग्य से एक व्यक्ति की मौत हो गई।’
लाठी चार्ज करते हुए वीडियो हुआ वायरल
वही घटना के एक कथित वीडियो में सुरक्षाकर्मियों को विसर्जन जुलूस में लोगों के एक समूह पर लाठी चार्ज करते दिखाया गया था। साथ ही सोशल मीडिया पर एक विचलित करने वाली तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें इस घटना में मारा गया व्यक्ति खोपडी के खुले हिस्से के साथ जमीन पर बेसुध पड़ा नजर आ रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विसर्जन के लिए दुर्गा की मूर्ति ले जाने के दौरान एक बांस के वाहक के टूट जाने के बाद परेशानी शुरू हो गई थी और इसे ठीक करने में समय लग रहा था। मूर्ति को ले जाने वाले वाहक की मरम्मती में हुई देरी के कारण अन्य निकाले गए मूर्ति जुलूस भी रास्ते में फंसे हुए थे। प्रशासन चाहता था कि जुलूस जल्दी से जल्दी निकले क्योंकि सुरक्षाकर्मियों को बुधवार को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया जाना था। इस घटना के बाद जिले में तनाव बढ़ गया है और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए भारी पुलिस की तैनाती से ऐसा लग रहा है कि मुंगेर जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में बुधवार को हुई मतदान पर इसका असर पड़ा है।
विपक्ष भी आक्रामक हुए
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दिन बुधवार को मुंगेर की घटना को लेकर विपक्ष ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार पर जोरदार हमला बोला। उसने सोमवार की रात को देवी दुर्गा की मूर्ति विर्सजन के दौरान हुई झडप में कथित तौर पर पुलिस गोलीबारी में एक युवक की मौत को जलियांवाला बाग जैसी घटना बताया। वही एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट करके नितीश शाशन को तालिबानी शासन बताते हुए पुलिस के ऊपर 302 का मुकदमा दर्ज करने के लिए कहे और मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी दिया जाये।
मुंगेर पुलिस के ऊपर 302 का मुक़दमा दर्ज होना चाहिए।श्रद्धालुओं को गोली मारना नीतीश के तालिबानी शासन को दिखाता है।स्थानीय एस॰पी॰ को तत्काल सस्पेंड कर 302 के तहत एफ़॰आई॰आर॰ दर्ज करवाए नीतीश कुमार जी।मृतक के परिवार को 50 लाख रुपए और एक सरकारी नौकरी दे सरकार। #शर्मनाकनीतीश
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) October 27, 2020