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राजस्थान के डूंगरपुर में शिक्षक भर्ती मैं आरक्षण को लेकर हिंसक प्रदर्शन कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया इस पर 3300 के खिलाफ केस दर्ज

राजस्थान के डूंगरपुर में शिक्षक भर्ती में 1167 अनारक्षित पदों को एसटी उम्मीदवारों से भरने की मांग को लेकर चौथे दिन भी हिंसक प्रदर्शन जारी रहा। उदयपुर के खेरवाड़ा में प्रदर्शनकारियों ने पहाड़ियों पर कब्जा करके सारी गतिविधियों पर नजर रखे हुए वे यहां से सारी गतिविधियों पर नजर रखे हैं। वहीं, आदिवासी जनप्रतिनिधियों के साथ अफसरों ने बैठक की। शनिवार देर रात तक जयपुर से आए राज्य के बड़े अफसर स्थिति काबू करने में जुटे रहे। वहीं, खेरवाड़ा में हुई फायरिंग में दो लोगों की मौत की सूचना है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। 3300 लोगों पर केस दर्ज हो चुका है।

चौथे दिन भी प्रदर्शनकारियों ने उदयपुर अहमदाबाद के हाईवे को शुरू नहीं होने दिया। डूंगरपुर के पास दोवड़ा में 4:00 बजे पिकअप वाहन में आग लगा दी। कंजरी घाटी के पहाड़ियों पर आदिवासी युवा चल गए और वहां से हाईवे पर आने जाने वाले लोगों पर और आने वाली गाड़ियों पर पथराव करने लगे इस पर जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने हवाई फायरिंग किए और प्रदर्शनकारी वहां से भाग निकले। इससे पहले देर रात कुछ उपद्रवी हाईवे के पास श्रीनाथ कॉलोनी में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की। कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया,आसपास कई घरों के शीशे तोड़ दिए गए। बाद में फिर 40 हथियारबंद पुलिसकर्मी वहां तैनात किए गए। 

प्रदर्शनकारियों में क्यों भड़का गुस्सा आखिर वे क्या चाहते हैं:

प्रदर्शन करने वाले शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर डूंगरी पहाड़ी पर 17 दिन से प्रदर्शन चल रहा था। गुरुवार से ज्यादा बवाल शुरू हुआ। 12 अप्रैल 2018 को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में सामान्य शिक्षा के 5431 पदों पर भर्ती निकली थी। एसटी को 45%, एससी को 5% और सामान्य वर्ग को 50% आरक्षण है। इस तरह सामान्य वर्ग के लिए 2721 पद थे। राजस्थान पात्रता परीक्षा शिक्षक के लिए (REET) में 60% से ज्यादा अंक वाले सामान्य वर्ग के 965 उम्मीदवार सिलेक्ट हुए। इन्हीं पदों पर REET में 60% से ज्यादा अंक वाले एसटी के 589 उम्मीदवारों का चयन हुआ। इस तरह सामान्य वर्ग से कुल 1554 पद भरे और 1167 पद खाली रह गए। प्रदर्शनकारी इन्हीं खाली पदों पर एसटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर के वहां के स्थानीय निवासियों ने 7 सितंबर से उदयपुर अहमदाबाद हाईवे पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया इसको वहां के पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बात करके समझाया कि आप यहां पड़ाव ना डालें फिर भी प्रदर्शन जारी रहा। इस पर पुलिस ने उन पर कोविड महामारी के नियम तोड़ने और गैर जमानती धारा में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। इसको लेकर कैंडिडेट का गुरुवार से गुस्सा भड़क उठा।

 

 

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