सुशांत केस में सैमुअल मिरांडा सहित अन्य दो को हाईकोर्ट ने दिया झटका..
सुशांत सिंह राजपूत केस में आरोपी सैमुअल मिरांडा, दीपेश सांवत और अब्दुल बासित को झटका देते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिकाओं पर सुनवाई शुक्रवार को स्थगित कर दी। इन तीनों आरोपियों को नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने अभिनेता की मौत से जुड़े ड्रग्स के एक मामले में गिरफ्तार किया था। मामले की सुनवाई की अगली तारीख 29 सितंबर निर्धारित की गई है।
कोर्ट में न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने कहा कि ड्रग्स तस्करी एक बेहद गंभीर मुद्दा है और किसी व्यक्ति के पास से ये बरामद नहीं होने पर भी एनसीबी उसकी जांच कर सकता है। उन्होंने एनसीबी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह से और वादी के वकीलों से अदालत के समक्ष एनडीपीएस एक्ट की धारा 27 (ए) और 37 पर विशेष रूप से दलील पेश करने को कहा। धारा 27(ए) जब्त किये गये मादक पदार्थ की मात्रा से संबद्ध है जबकि धारा 37 जमानत पर रोक लगाती है।
पिछले सप्ताह एक विशेष अदालत ने सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक के अलावा दीपेश सावंत, सैमुअल मिरांडा, परिहार और अन्य आरोपी जैद विलातरा की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थी। रिया और उनके भाई ने जमानत के लिये उच्च न्यायालय का रुख नहीं किया था।
परिहार के वकील तारक सैयद ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय में दलील दी कि एनसीबी ने आरोपियों के पास से कुल 59 ग्राम गांजा ही बरामद किया था, जो वाणिज्यिक मात्रा से कम है। वाणिज्यिक मात्रा में मादक पदार्थ रखने पर अधिक सजा का प्रावधान है। उन्होंने दलील दी कि परिहार, मिरांडा और सावंत पर जमानत योग्य अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
न्यायमूर्ति कोतवाल ने कहा कि अगली तारीख में सभी पक्षों को इस बारे में विस्तार से दलील पेश करनी होगी कि क्या बहुत कम मात्रा में ड्रग्स खरीदने पर भी जमानत पर रोक हो सकती है।