हसनपुर विधान सभा सीट इस बार सुर्खियों में : राजद ,जदयू, लोजपा और जाप की जातीय बहुलता की राजनीती

बिहार के समस्तीपुर जिले की यादव बहुल क्षेत्र हसनपुर सीट इस बार सुर्खियों में है एक और राजद के राजकुमार तेज प्रताप यादव है ,तो दूसरी ओर जदयू के दो बार के विधायक राजकुमार राय। राजकुमार सरकार की उपलब्धियों और 10 साल में खुद के कामकाज का हवाला देकर लोगों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं तो वही तेज प्रताप क्षेत्र को विकास का रास्ता दिखाने के नाम पर लोगों को निशाना साध रहे हैं राजद और जदयू कि सीधी लड़ाई को लोजपा और जाप के उम्मीदवार अलग-अलग दिशा देने में लगे हैं । 2010 में जदयू उम्मीदवार राजद के एमवाई समीकरण के मुकाबले जातियों की गोलबंदी के सहारे जीते थे वर्ष 2015 में सूबे की बदली राजनीति तस्वीर के बाद एमवाई और अति पिछड़ा समीकरण के चलते उन्हें फिर जीत मिली थी सूबे की तस्वीर एक बार फिर 2010 वाली है इसलिए जदयू उसी फार्मूले पर समीकरण साध रहा है
हसनपुर विधानसभा क्षेत्र में यादवो की बहुलता है यही वजह है कि स्थापना के समय से ही इस सीट से यादव हर बार विजय होते रहे हैं । लगता है इस बार आर पार की लड़ाई है हालांकि इस बार जदयू और राजद सीधी टक्कर देख रहा है कुछ लोग लोजपा और जनाधिकार पार्टी को भी अहम मानते हैं जातिगत समीकरण के आधार पर देखें तो जदयू को सीट बचाने के लिए राजद के वोट बैंक में सेंधमारी करनी होगी जन अधिकार पार्टी ने भी यादव जाति के उम्मीदवार अर्जुन यादव को मैदान में उतारा है पिछले चुनाव में भी वे बतौर निर्दलीय प्रत्याशी 10000 वोट हासिल कर चुके हैं वही तेज प्रताप यादव युवा मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं वे नामांकन से पहले ही रोड शो कर चुके हैं नामांकन के दौरान उनके भाई तेजस्वी यादव भी पहुंच पहुंचे थे दोनों भाई ने रोजगार और प्रतिभा पलायन को लेकर सरकार को घेरने कोशिश की थी।
राजद : तेज प्रताप यादव
जदयू : राजकुमार राय
लोजपा : मनीष कुमार
जाप : अर्जुन प्रसाद यादव