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भोपाल के बालिकागृह से 26 लड़कियां गायब, संचालक और अधिकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़

भोपाल: राजधानी भोपाल से चौकाने वाली खबर सामने आई है। भोपाल में अवैध रूप से संचालित बालिका गृह से 26 बच्चियां के गायब होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस खबर से इलाके में हड़कंप मच गया है। सूचना मिलते ही  पुलिस मौके पर पहुंची और संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज कर गायब बच्चियों की जांच शुरू की।

12 लड़किया मिली अपने घर में

जांच के के बाद 26 में से 12 लड़कियों का पता चल गया है। इसी के साथ 2 अफसरों पर गाज गिरी है। बताया जा रहा है कि 12 बच्चियां अपने-अपने घरों में मिली है। साथ ही  लापरवाही बरतने के लिए 2 अधिकारियों को निलंबित किया गया है। बता दें कि यह बालिका गृह बिना किसी की अनुमति के चलाया जा रहा था। वही इस मामला में खुलासे के बाद जहां विपक्ष ने भाजपा सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।

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पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी सफाई

वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर सफाई दी है। शिवराज ने एक्स पर लिखा कि भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में बिना अनुमति संचालित बालगृह से 26 बालिकाओं के गायब होने का मामला मेरे संज्ञान में आया है। मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार से संज्ञान लेने और त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।

निरीक्षण के दौरान हुआ खुलासा

दरअसल लिस्ट में कुल 68 बच्चियों का निवास करना दर्ज है, लेकिन निरीक्षण के दौरान 41 बच्चियां ही मिलीं, जबकि 26 बच्चियां गायब हैं। जिनका कोई रिकार्ड नहीं मिला है। यह जानकारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मुख्य सचिव वीरा राणा को लिखे पत्र में दी है। जानकारी के अनुसार मुख्य सचिव को लिखे पत्र में बाल आयोग अध्यक्ष ने बताया है कि भोपाल में स्थित आंचल बालगृह का निरीक्षण किया गया।

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इस दौरान बालगृह के अधिकारियों एवं बालगृह में मौजूद बच्चों से बातचीत की गई तो पता चला कि बालगृह न तो पंजीकृत है और न ही मान्यता प्राप्त है। संलग्न सूची में 68 निवासरत बच्चियां दर्ज थीं, लेकिन निरीक्षण के दौरान 41 बच्चियां ही मिलीं। बालगृह के अधिकारियों ने बताया कि “इन बच्चियों को चाइल्ड इन स्ट्रीट सिचुऐशन से रेस्क्यू किया गया है।

सात दिन में जांच की रिपोर्ट मांगी

इन सभी बच्चियों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश नहीं किया गया था। इस बालगृह को पहले रेलवे चाइल्ड लाइन चलाने वाली संस्था संचालित कर रही थी। प्रियंक कानूनगो ने बताया कि आयोग के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज किया है। मामले की जांच सात दिन में पूरी कर दस्तावेजों सहित आयोग को उलपब्ध कराई जाने के आदेश दे दिए गए है।

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