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जहानाबाद में एक जिला जज ने इंसानियत की मिशाल पेश की, जो पुरे जिले में खूब चर्चा का विषय बना हुआ है

जहानाबाद में एक जिला जज ने इंसानियत की मिशाल पेश की, बुजुर्ग व्यक्ति का लोन अपनी जेब से चुकता कर दिया। जिसके बाद पूरे जिला में जज के इंसानियत की खूब चर्चा हो रही है 

जहानाबाद: बिहार में एक जिला जज ने इंसानियत की ऐसी मिसाल पेश की पुरे जिले में खूब चर्चा का विषय बना हुआ है।  जिला जज ने अदालत में सुनवाई के दौरान  एक बुजुर्ग व्यक्ति का लोन अपनी जेब से चुकता कर दिया। जिसके बाद पूरे जिला में जज के इंसानियत की खूब चर्चा हो रही है बडी संख्या में वकीलों ने उनके इस कदम को सराहनीय बताया और उन्हें इसके लिए बधाई दिया है।

दरअसल ये वाकया जहानाबाद का है जहाँ आज लोक अदालत के जरिये बैंक के पुराने कर्ज सेटलमेंट की सुनवाई चल रही थी। लोक अदालत में जिला जज राकेश सिंह खुद मौजूद थे। उसी दौरान पेश हुए एक बुजुर्ग को कोर्ट  ने लोन  जमा करने को कहा। लोन की राशि लगभग 37 हजार रुपये हो चुकी थी। लेकिन बुजुर्ग की हालत को देखते हुए बैंक को उनसे 18600 रुपये जमा करने को कहा लेकिन बुजुर्ग राजेंद्र तिवारी के पास सिर्फ 5000 रुपये ही थे जिसे किसी तरह चंदा मांग कर इकठ्ठा किया था।

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बुजुर्ग अदालत में ही फूट फूट कर रोने लगे

बाद में गांव के युवक ने 3000 रुपये की  मदद की तो 8 हजार रूपये हो पाये हैं। अब वे और पैसे का इंतजाम नहीं कर सकते जिसके बाद  राजेंद्र तिवारी लोक अदालत में ही फूट फूट कर रोने लगे। उनकी हालत देख वहां मौजूद जिला जज राकेश सिंह द्रवित हो गये। उन्होंने कर्ज चुकता करने के लिए बाकी के 10 हजार 600 रूपये अपनी ओर से देने का फैसला लिया। जिला जज ने तत्काल पैसे का इंतजाम किया औऱ बुजुर्ग का कर्ज चुकता कर दिया। इस कदम पर  जिला जज के इंसानियत की जहानाबाद में चर्चा हो रही है। बडी संख्या में वकीलों ने उन्हें इसके इस कदम को सराहनीय कदम बताया।

जिला जज राकेश सिंह

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18 साल पहले कर्ज लिया था

बुजुर्ग अपनी  बेटी की शादी के लिए 18 साल पहले कर्ज लिया था। कर्ज नहीं चुका पाया तो बैंक ने केस कर दिया था। लाचार बुजुर्ग के पास बैंक को चुकाने के लिए पैसे नहीं थे।  उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज लिया था। लेकिन पैसा नहीं रहने के कारण उसे लौटा नहीं पाये। कर्ज ब्याज सहित बढ़कर 36 हजार 775 रुपए हो गया। बैंक ने पैसे वसूलने के लिए कई बार नोटिस भेजा।  नोटिस के बावजूद व्यक्ति द्वारा पैसा नहीं लौटने पर बैंक ने केस कर दिया जिसके बाद  बुजुर्ग व्यक्ति को लोक अदालत में हाजिर होने को कहा।

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