गया में हुई अनोखी शादी, मुखिया पद के लिए युवक ने आनन – फानन में बिना मुहूर्त के मंदिर में रचाई शादी

गया: बिहार में इन दिनों पंचायत चुनाव को लेकर काफी चहल-पहल दिख रही है। इस चुनावी महोत्सव के दौरान कई प्रत्याशी नामांकन की लाइन में खड़े हैं और अपने दस्तावेजों को चुस्त-दुरुस्त करने में लगे हैं । इसी कड़ी में गया से एक अनोखा मामला सामने आया है जहां कई सालों से मुखिया का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे युवक को नामांकन नहीं हो पाया तो तो उसे बिना मुहूर्त के बगल के गांव की लड़की से मंदिर में शादी कर ली। बाद में शादी के जोड़े में मंदिर से सीधे चुनाव कार्यालय पहुंचकर नव नवेली दुल्हन का मुखिया पद के लिए नामांकन करवा दिया।
इस कारण नहीं हो पाया नामांकन
दरअसल पूरा मामला गया जिला के खिजरसराय प्रखंड के खोरम पंचायत के बिंददौर गांव का है। मिली जानकारी के अनुसार यहां का युवक राहुल अपने पंचायत का मुखिया बनना चाहता है। इसके लिए वह पिछले तीन साल से पंचायत में सामाजिक काम कर रहा है। वह मुखिया पद पर नामांकन के लिए जब चुनाव कार्यालय पहुंचा तो उससे जाति प्रमाण पत्र की मांग की गयी जो उसके पास नहीं था। नया जाति प्रमाणपत्र बनाने में भी अड़चन आ रही थी। इस वजह से उसका नामांकन नहीं हो पाया और मुखिया बनने का उसका सपना चुनाव लड़ने से पहले ही खत्म होता हुआ दिखने लगा।
चुनाव कार्यालय से निराश लौटे राहुल के मन में एक तरकीब सुझी। अभी तक कुंवारा जीवन जी रहे रहे राहुल ने शादी कर पत्नी को चुनाव लड़वाने का आइडिया अपने दिमाग में लाया। इसके लिए उसने अपने परिवार की सहमति से बगल के नौडीहा गांव की अपनी जाति की सरिता नामक लड़की से शादी की बात चलाई और लड़की के परिवार द्वारा हामी भरते ही बिना किसी मूहूर्त के नामांकन के अंतिम दिन वह सूर्य मंदिर में सरिता के साथ शादी के फेरे ले लिये और सात जनम तक साथ निभाने के वादा के साथ ही इस चुनाव में हर हाल में राहुल ने अपनी पत्नी सरिता को मुखिया बनाने का वचन दिया।
शादी के बाद दोनों पहुंचे चुनाव कार्यालय
शादी के तुरंत बाद मंदिर से घर जाने के बजाय दोनो शादी के जोड़े में ही चुनाव कार्यालय पहुंच गयें जहां सरिता ने मुखिया पद के नामांकन का पर्चा भर दिया। नामांकन के बाद उनके समर्थकों ने नव-दंपति को फूल-मालाओं से लाद दिया और नारा लगाया कि ‘अब की मुखिया कैसी हो, नई नवेली दुल्हन जैसी हो’