सेनारी नरसंहार मामले में पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गयी बिहार सरकार, किया आरोपियों को बरी करने का विरोध
पटना: बिहार के चर्चित सेनारी नरसंहार मामले में पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सरकार की ओर से एसएलपी दाखिल कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट में देश के दो प्रख्यात वकील राज्य सरकार का पक्ष रखेंगे। बता दे अधिवक्ता वेणुगोपाल और तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रखेंगे। दोनों की गिनती देश का नामचीन अधिवक्ताओं में की जाती है। हालांकि बिहार सरकार ने अभी अर्जी दाखिल की है, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख तय नहीं हुई है।
पटना हाईकोर्ट ने सभी को किया था बरी
गौरतलब है कि बिहार के चर्चित सेनारी नरसंहार कांड में पटना हाईकोर्ट ने 21 मई को 15 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। दोषी ठहराए गए साथ ही सभी को तुरंत जेल से रिहा करने का आदेश दिया था। जबकि निचली अदालत ने 13 लोगों को सजा सुनायी थी जिसमे से 10 को फांसी की सजा मिली थी औऱ 3 को उम्र कैद की सजा मिली थी।
बता दे कि 18 मार्च 1999 को वर्तमान अरवल जिले (तत्कालीन जहानाबाद) के करपी थाना के सेनारी गांव में 34 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। आरोप प्रतिबंधित एमसीसी उग्रवादियों पर लगा था। इस मामले में पटना हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ के न्यायामूर्ति अश्वनी कुमार सिंह और न्यायमूर्ति अरविंद श्रीवास्ताव ने सेनारी नरसंहार कांड की सुनवाई के बाद फैसला दिया था। पटना हाईकोर्ट से सेनारी नरसंहार के 15 आरोपियों को बरी किये जाने के बाद बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है।
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