मौत का खुला नाला : सैदपुर नहर से 18 घंटे बाद निकाला गया युवक का डेड बॉडी, कल शाम 5 बजे हुई थी घटना

पटना: राजधानी पटना से बड़ी खबर सामने आ रही है। पटना के सैदपुर नहर से एक युवक की डेड बॉडी लगभग 18 घंटे बाद निकाली गई है। पटना जिला प्रशासन ने कल लड़के के डूबने की खबर को अफवाह बताया था। स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक टीम की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है।
कल शाम की घटना
दरअसल कल शाम लगभग 5:30 बजे इस सैदपुर नाला, जिसे मौत के नाला के नाम से जाना जाता है एक लड़का डूब जाता है, जिसकी उम्र लगभग 19-20 के क़रीब है । जिसे बचाने का प्रयास किया गया पर बचाया नही जा सका । पाटलिपुत्रा नगर विकास समिति अध्यक्ष बबलू प्रकाश ने बताया की कुछ लोगों ने इसे अफवाह तक करार दिया गया । इस नाले की तरह इस डुबाओ नाले मे गिरे लोगों का भी कोई माई बाप नही है । दोपहर 2:00 बजे से इसे निकालने हेतु संजीव चंद्रवंशी , रमेश कुमार , गौरभ जी , हलीम जाफ़र आदि लोग इकठ्ठे हो पॉक्लेण मंगाने की बाते कर रहे थे ।
मौत का खुला नाला
इस बीच जहाँ लड़का डूबा था वही से जोरदार बुलबुला बाहर आते दिखा । डूबे बच्चे का लाश ऊपर आ गया था । तत्काल स्थानीय थाना को ख़बर की गई जो पहुंचकर उस बॉडी को पोसमार्टम हेतु ले गये । फिलहाल युवक की पहचान नहीं हो पायी है। बता दे की तीन दिन पहले मुख्यमंत्री महोदय का स्टेटमेंट आया था कोई बच्चा गड्ढ़े मे ना डूबे । परंतु ये मौत का खुला नाला जो घने आबादी के बीच से गुजरा है, हमेशा घटनाओं को आमंत्रित कर रहा है ।
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क्या संबंधित पदाधिकारीगण इससे अनिभिग्य हैं ? यहाँ के नागरिकों को इस तरह डूब के मरने का दोषी कौन है ?क्यों नही आशियाना की तरह कभर कर रोड बनाया नही जाता ? यहाँ के नागरिकों के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों ? देखता हूँ सरकार की नज़र इस मौत के नाले पर कब आती है ? कितनी मौत वो देखना चाहते हैं ?