बिहार: पंचायत चुनाव को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, मुखिया पर हो सकता है FIR दर्ज , 5 साल तक चुनाव से रहेंगे वंचित,
पटना: बिहार सरकार का पंचायती राज विभाग नल जल योजना में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। बिहार सरकार नल जल योजना में हुए में घपले-घोटाले और गड़बड़ी को लेकर काफी सख्त है। बता दे विभाग ने ऐसी किसी भी गड़बड़ी पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने का निर्देश अधिकारियों को दे दिया है। जिसके तहत दोषी पाए जाने पर मुखिया पर FIR दर्ज भी किया जा सकता है और 5 साल तक वे चुनाव से भी वंचित रहेंगे।
विभाग करेगी कार्रवाई
दरअसल बिहार में अब तक 1475 वार्डों में नल जल योजना में गड़बड़ियां सामने आई हैं। जिसको लेकर पंचायती राज विभाग ने इन सभी वार्ड के मुखिया और संबंधित लोगों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। ऐसे सभी लोगों पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी द्वारा जिले संबंधित डीएम, डीपीआरओ और बीडीओ को निर्देश दिया गया है कि ऐसे किसी भी पंचायत में शिकायत आने पर वहां के संबंधित मुखिया और वार्ड सदस्य को सबसे पहले नोटिस भेजा जाए। अगर 15 दिन के अंदर इस स्तर पर कार्रवाई नहीं होती है तो इस मामले में फिर पंचायती राज विभाग कार्रवाई करेगा।
5 साल तक चुनाव से वंचित
बता दे पंचायती राज विभाग ने इस संबंध में सभी मुखिया को यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देने का निर्देश दिया था। और यदि कोई मुखिया यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट समय समय के भीतर जमा नहीं करता है तो उस पर कार्रवाई तय है। वही कहा गया है की प्रमंडलीय आयुक्त और राज्य सरकार द्वारा जिन मुखिया या उपमुखिया को पद से हटा दिया गया है फिर भी इस बार होने वाले पंचायत चुनाव में नामांकन करते हैं तो उनका नामांकन पत्र मंजूर नहीं किया जाएगा। साथ ही ऐसे किसी भी मुखिया एवं उपमुखिया को शक्तियों के दुरुपयोग और दुराचार का दोषी पाए जाने के आरोप में हटाया गया हो और सक्षम न्यायालय द्वारा उस आदेश को स्थगित या रद्द नहीं किया गया है, तो इस तरह के मुखिया या उप मुखिया 5 साल तक चुनाव लड़ने से वंचित हो जाएंगे।