15 अगस्त को बाबा साहब अंबेडकर का नारा लगाने से रोकने वाले दरोगा को एसपी ने किया ससपेंड, गेस्ट को धक्के मारकर निकलना दारोगा को पड़ा भारी
कैमूर : स्वतंत्रता के 75वें वर्षगांठ पर बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर का नारा लगाने का विरोध करने वाले दरोगा को पुलिस कप्तान ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही दरोगा द्वारा झंडोतोलन कार्यक्रम में पहुंचे गेस्ट को धक्के मारकर थाना से बाहर निकालने का मामला सामने आया है। इस मामले पर कैमूर के डीएसपी की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद आरोपी दारोगा के खिलाफ एसपी ने यह एक्शन लिया है। इस घटना का वीडियो भी सामने आया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
पूरा मामला
पूरा मामला कैमूर के रामगढ़ थाना का है। आरोप है कि दारोगा विजय कुमार सिंह ने 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडोतोलन के बाद संविधान के निर्माता बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर का नारा लगाने लगाने से मना किया था। साथ ही आरोपी दारोगा ने बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर का जयघोष करने वाले गेस्ट को भी धक्के मारकर थाना परिसर से बाहर निकाल दिया था। जिसके कारण वहाँ मौजूद लोगो ने दरोगा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, और एसपी से शिकायत कर दरोगा के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। जिसके बाद मोहनिया डीएसपी को जांच का जिम्मा सौंपा गया। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद एसपी ने आरोपी दारोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
मोहनिया डीएसपी रघुनाथ सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 15 अगस्त के दिन मोहम्मद समी अख्तर से रामगढ़ थाने में पदस्थापित दारोगा विजय कुमार सिंह उर्फ़ वीके सिंह ने दुर्व्यवहार किया गया था। इस मामले में कैमूर एसपी ने जांच का आदेश दिया था। जिसमें जांच के दौरान पाया गया कि पीड़ित व्यक्ति हाजी समी अख्तर ने बताया नारा लगाने के बाद दारोगा ने उनके साथ दुर्व्यवहार करते हुए थाना से बाहर निकाल दिया था।
कार्रवाई से नहीं संतुष्ट
वही स्थानीय लोग दरोगा के व्यवहार से अभी भी गुससे में है। एसपी की इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। वे आरोपी दारोगा को नौकरी से निकालने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि स्वतंत्रता दिवस के दिन जब पूरा देश अमृत महोत्सव मना रहा हो, तब भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर को इस तरीके से अपमानित करना सरासर गलत है, और बिहार सरकार को ऐसे अधिकारी के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए।