MU के ‘भ्रष्ट’ वीसी को लेकर सरकार और राजभवन में बढ़ी तनातनी! BJP विधायक ने सीधे-सीधे नियुक्ति को लेकर उठाए सवाल।।
पटना: मगध यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर राजेंद्र प्रसाद के पास 30 करोड़ की अवैध संपत्ति की बरामदगी ने अब बिहार में राजनीतिक रंग अख्तियार करना शुरू कर दिया है। जिमसें सबसे पहले बिहार सरकार में सहयोगी भाजपा की तरफ से सरकार का बचाव करते हुए राजभवन को जिम्मेवार बताया है।
राजभवन है जिम्मेदार
भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने इस प्रकरण पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इसके लिए राजभवन को जिम्मेदार बताया है, जिसके कारण ऐसे करप्ट और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को एक बड़े संस्थान की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। BJP विधायक ने कहा कि राजभवन के अधिकारियों की गलती के कारण ऐसे सम्मानित जगहों को भी लोग अब संशय की नजर से देखने लगे हैं। जिसे कहीं से भी सही नहीं कहा जा सकता है।
राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराना गलत
ज्ञानू ने कहा कि जो लोग इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि यूनिवर्सिटी के वाइस चासंलर की नियुक्ति में सरकार की भूमिका नहीं है। यह सारी नियुक्ति राजभवन से की जाती है। यह राजभवन की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे भ्रष्ट लोगों कि नियुक्त को रोके। लेकिन, अफसोस इस बात का है कि राजभवन से इस बात को पूरी तरह दरकिनार किया जा रहा है।
वीसी और रजिस्ट्रार की नही है स्वच्छ छवि
उन्होंने कहा कि वहां काम करनेवाले अधिकारी विश्वविद्यालयों में ऐसे लोगों की नियुक्ति हो रही है, जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। आज बिहार में कोई भी विवि ऐसा नहीं है, जहां के वीसी और रजिस्ट्रार की स्वच्छ छवि हो। राजभवन के अधिकारियों के कारण राज्यपाल के पद को गरिमा को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।।