किसानो का विरोध 29 वें दिन भी रहा जारी: कांग्रेस सांसद ने 2.5 करोड़ किसानो के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपे

कृषि कानून के विरोध में किसान दिल्ली बॉर्डर पर 29 वे दिन भी डेट हुए है। दिल्ली में बढ़ रही ठंढ और शीतलहरी के बावजूद किसानो का हौसला दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है।
वही बुराड़ी ग्राउंड में प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के सदस्य बिंदर सिंह गोलेवाला का कहना है कि “जब तक काले कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा, हमारे हौंसले बुलंद हैं। सरकार जितनी जल्दी हो सके ये कानून रद्द कर दे नहीं तो संघर्ष और बड़ा होगा।हमें दुनिया का सहयोग मिल रहा है।
वही कांग्रेस नेता राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी राष्ट्रपति भवन गए। जहाँ उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि ये कृषि कानून किसान विरोधी हैं। देश ने देखा है कि किसान इन कानूनों के खिलाफ खड़े हुए हैं”।
उन्होंने कहा कि “मैं पीएम को बताना चाहता हूं कि ये किसान तब तक घर वापस नहीं जाने वाले हैं, जब तक इन कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता। सरकार को संसद का संयुक्त सत्र बुलाना चाहिए और इन कानूनों को वापस लेना चाहिए। किसान और मजदूरों के साथ विपक्षी दल खड़े हैl
I want to tell the PM that these farmers are not going to go back home until these farm laws are repealed. Govt should convene a joint session of Parliament and take back these laws. Opposition parties stand with farmers & labourers: Congress leader Rahul Gandhi https://t.co/1U7QzsYWrn pic.twitter.com/NbdGMrn9Yc
— ANI (@ANI) December 24, 2020
वही राहुल गाँधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी क्रोनी कैपिटलिस्ट के लिए पैसा बना रहे हैं। जो भी उसके खिलाफ खड़े होने की कोशिश करेगा उसे आतंकवादी कहा जाएगा – चाहे वह किसान हो, मजदूर हो और मोहन भागवत भी हो।
PM Modi is making money for the crony capitalists. Whoever will try to stand against him will be called terrorist – be it farmers, labourers and even Mohan Bhagwat: Congress leader Rahul Gandhi pic.twitter.com/BnasthQBiX
— ANI (@ANI) December 24, 2020
बता दे कि राष्ट्रपति से मिलने के लिए कांग्रेस के सिर्फ तीन नेताओं को अनुमति मिली थी जिसके चलते राहुल गांधी संग वो तीन नेता राष्ट्रपति भवन में प्रवेश किये थे । वहीं अन्य पार्टी नेता एक नियत जगह पर ही रोक लिए गए थे।