साइबर फ्रॉड का एक देशव्यापी मामला: 250 करोड़ की हुई सबसे बड़ी साइबर ठगी, अंतराष्ट्रीय गिरोह के शामिल होने की आशंका

उत्तराखंड: साइबर फ्रॉड का एक देशव्यापी मामला सामने आया है । जिसमें देशभर में लाखों लोगों के साथ धोखाधड़ी होने की संभावना जताई जा रही है। उत्तराखंड एसटीएफ की माने तो 250 करोड़ की साइबर ठगी की गयी है । बताया जा रहा है कि इसमें मुख्य अभियुक्त चीन से हैं। इस मामले की छानबीन की जा रही है । 7 जून को इस मामले में नोएडा से पहली गिरफ़्तारी की गई।
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DGP अशोक कुमार का कहना है , इन्होने लोगों को स्टार्टअप में सहायता का झांसा देकर कई लोगों की कंपनियां बनवाई और एक पावर बैंक ऐप बनाया जिसे पूरे देश में 10 लाख लोगों ने डाउनलोड किया है, ये एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध था । इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग भी शामिल है।
कुछ दिन पूर्व शिकायत दर्ज
इस मामले में कुछ दिन पूर्व हरिद्वार के श्यामपुर निवासी रोहित कुमार व कनखल निवासी राहुल गोयल ने एसटीएफ को साइबर ठगी की शिकायत दी थी। देहरादून साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट कराते हुए पीडि़तों ने बताया कि उनके दोस्तों ने उन्हें प्ले स्टोर पर उपलब्ध पावर बैंक एप पर 15 दिन में रकम दोगुनी होने की जानकारी दी। इस पर उन्होंने एप डाउनलोड कर पहली बार 91200 रुपये और दूसरी बार 73000 रुपये जमा कराए, लेकिन कुछ रोज बाद जब उन्हें एप प्ले स्टोर से गायब मिला तो ठगी का एहसास हुआ।
ठगी को दिया ऐसे अंजाम
साइबर ठगों ने पावर बैंक नाम से गूगल प्ले स्टोर पर आनलाइन अर्निंग एप बनाया और इंटरनेट मीडिया के जरिये खूब प्रचार किया । यदि कोई एप के लिंक पर क्लिक करता तो उसे आनलाइन निवेश पर पैसा दोगुना होने का झांसा दिया जाता था। साथ ही तीन लोग और जुड़वाने पर भी पैसे दिए जाते थे।
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अगर कोई 600 रुपये का निवेश करता तो एक साल के लिए 1.45 रुपये प्रति घंटा देने की बात कही जाती। साथ ही एप से जुडऩे पर पहले तीन दिन तक 2.1 रुपये प्रति घंटा मिलते। इस तरह देखें तो एक महीने से भी कम समय में निवेशक को मूलधन वापस करने का झांसा दिया जाता। बताया जाता कि इसके बाद मुनाफा मिलने लगेगा। बड़ी रकम निवेश करने पर 15 दिन में पैसे दोगुने करने का दावा किया जाता था।
अंतराष्ट्रीय गिरोह की संलिप्ता
मुख्य प्रवक्ता और एडीजी उत्तराखंड पुलिस अभिनव कुमार ने बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय गिरोह है, जो भारत में साइबर ठगी कर रकम को क्रिप्टो करेंसी के जरिये विदेश भेज रहा है। विदेश में बैठे कुछ व्यापारियों के जरिये पूरा गिरोह चलाया जा रहा है। एक सदस्य उत्तराखंड पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। बाकी की तलाश के लिए संबंधित देशों के दूतावास में संपर्क किया गया है। प्रारंभिक जांच में करीब 250 करोड़ रुपये की ठगी सामने आई है। यह रकम और बढ़ सकती है। रॉ, आइबी व अन्य एजेंसियों को भी इसकी सूचना दे दी गई है।’