“भीख वाली आजादी “के बयान के बाद कंगना रनौत ने महात्मा गाँधी पर साधा निशाना, कहा- गांधी चाहते थे भगत सिंह को फांसी हो।
मुंबई: कंगना रनौत रुकने का नाम नहीं ले रही है हर हाल में अपने फैसले पर वो अटल है और अपने को सही साबित करने के लिए लगातार बयान दे रही है। एक्ट्रेस ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। इस बार उनका बयान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भगत सिंह को लेकर है। उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक न्यूज की कटिंग और दो लंबे मैसेज पोस्ट किए हैं। इनके जरिए एक बार फिर “भीख में मिली आजादी” वाले बयान पर अपना पक्ष रखी है।
अपने हीरोज को समझदारी से चुनें
पहले post में कंगना ने लिखा है, “जो आजादी के लिए लड़े थे, उन्हें सत्ता के भूखे और चालाक लोगों ने अपने मालिकों के हवाले कर दिया था। ये वही लोग थे, जिनमें उनका शोषण करने वालों से लड़ने या अपने गर्म खून को जलाने/उबालने का साहस नहीं था। ये वो लोग हैं, जिन्होंने हमें सिखाया… कोई थप्पड़ मारे तो एक और थप्पड़ के लिए अपना दूसरा गाल दे दो और इस तरह मिलेगी आजादी। ऐसा नहीं है किसी को आजादी ऐसे मिलती है, इस तरह केवल भीख मिलती है। इसलिए अपने हीरोज को बुद्धिमानी से चुनें।
गांधी चाहते थे भगत सिंह को फांसी हो।
वही इंस्ट्रग्राम स्टोरी के दूसरी पोस्ट में कंगना ने लिखा- गांधी ने कभी भी भगत सिंह या नेताजी का सपोर्ट नहीं किया। कई सबूत हैं, जो बताते हैं कि गांधीजी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो तो, आपको चुनना पड़ेगा कि आप किन्हें सपोर्ट करते हैं, क्योंकि इन सबको अपने दिमाग के एक ही बक्से में एक साथ रखना और इनकी जयंतियों पर शुभकामनाएं देना ही पर्याप्त नहीं है, वास्तव में ये चुप्पी बहुत गैर जिम्मेदाराना और सतही है। सभी को अपने इतिहास और नायकों के बारे में पता होना चाहिए।
पद्मश्री लौटा दूंगी
बता दे इससे पहले कंगना ने कहा कि असली आजादी 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद मिली है। 1947 में मिली आजादी तो भीख में मिली थी। जब उनका विरोध होने लगा तो सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कंगना ने लिखा कि ‘1947 में आजादी के लिए कौन सा युद्ध लड़ा गया था? मुझे तो इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर कोई मुझे इस बारे में जानकारी दे दे तो मैं माफी तो मांग लूंगी, साथ ही पद्मश्री भी लौटा दूंगी।‘
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