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अल्पन बंदोपाध्याय ने बंगाल में बैठक के विवाद को लेकर जुबान खोली , और सभी चीजों को सपष्ट करते हुए अपना पक्ष रखा

कोलकाता:  केंद्र सरकार और ममता सरकार के बीच खींचातानी को लेकर पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अल्पन बदोपाध्याय ने अपनी चुप्पी तोड़ी। बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इंतजार करवाने वाले अल्पन बनोपाध्याय ने आखिरकार लंबे अरसे बाद  अपनी जुबानी खोली है और पहली बार जबाब दिया है। और सभी चीजों को स्पष्ट करते हुए अपना पक्ष रखा है।

अलपन बंदोपाध्याय के जबाब के मुताबिक  प्रधानमंत्री की बैठक के दौरान उन्होंने वही किया जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से निर्देश दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक अलपन ने समीक्षा बैठक के दिन समय सीमा के साथ चीजों को स्पष्ट करते हुए अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि उस वक्त वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ थे और उत्तर और दक्षिण 24 परगना इलाके में चक्रवाती तूफान के बाद हवाई सर्वेक्षण कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पश्चिम बंगाल के दौरे पर आए तो उनसे मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अनुमति पर वह दीघा गए थे।

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मालूम हो कि अलपन बंदोपाध्याय उस वक्त पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के रूप में थे । जब  चक्रवाती तूफान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंचे थे। पश्चिम बंगाल का जायजा लेने के बाद पीएम मोदी ने वहां समीक्षा बैठक भी की थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय आधे घंटे की देरी से पहुंचे थे और फिर ममता बनर्जी के साथ  तुरंत वहां से निकल गए थे।

इस को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। बाद में ममता बनर्जी ने इस पर सफाई दी थी लेकिन मुख्य सचिव रहे अलपन को केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल से हटाकर दिल्ली बुलाया गया था। हालांकि अलपन बंदोपाध्याय दिल्ली नहीं आए और केंद्र के साथ इस खींचतान के बीच ममता बनर्जी ने उन्हें अपना सलाहकार नियुक्त कर लिया।

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