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SSC CGL रिजल्ट से परीक्षार्थी असंतुष्ट , जानिए ट्वीटर पर “मोदी रोजगार दो ” क्यों हो रहा वायरल

नयी दिल्ली: रोजगारी एक विश्वव्यापी समस्या है । बेरोजगारी भारत में आधुनिक समय में एक सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभर रही है । हाल के दिनों में ट्वीटर और यू टूब पर हैशटैग “मोदी रोजगार दो‘ और ” मोदी जॉब दो ” का केम्पेन चल रहा है । 20 लाख से अधिक स्टूडेंट हो या शिक्षक इसमें हिस्सा ले चुके है।  मोदी को लेकर तरह तरह के मिम्स बनाये जा रहे है ,लाखो स्टूडेंट मोदी सरकार से नाराज है।   बताया जा रहा है की एसएससी की लापरवाही  और गैरजिम्मेदाराना हरकत के कारण स्टूडेंट और शिक्षक को डिजिटल स्ट्राइक करना पड़ रहा है।  एसएससी एक आयोग है जो सरकारी  नौकरी के लिए परीक्षा आयोजित करती है।

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नोर्मलिज़ेशन फार्मूला से पेपर जाँच

दरअसल पिछले साल 15 ,16 और 18 नवम्बर को SSC, CGL की परीक्षा आयोजित की गयी थी। और इस परीक्षा के रिजल्ट 19 फ़रवरी 2021 को सार्वजनकि किया गया था।  लेकिन परीक्षा के रिजल्ट पर परीक्षार्थी  संतुष्ट  नहीं है। क्योकि उनका कहना है की एसएससी के सेलेक्शन की प्रक्रिया  सही नहीं है। अलग अलग शिफ्ट में अलग अलग दिन में एग्जाम होने से नोर्मलिज़ेशन फॉर्मूले से पेपर चेक किये जाते है  जिससे बेटर स्टूडेंट  भी सेलेक्शन  से वंचित रह जाते है। एक केस ऐसा भी आया है की नोर्मलिज़ेशन फार्मूला से पेपर के रिजल्ट तैयार किये गए, जिससे परीक्षार्थी का 200 में 200 नम्बर आने के बाद भी उसका सेलेक्शन नहीं हो सका।

ये एकलौती प्रॉब्लम नहीं है एसएससी सीजीएल को लेकर स्टूडेंट ने और भी कई इशू के बारे में बताया । उनका कहना है एसएससी कभी भी टाइम पर रिजल्ट डेक्लियर्ड नहीं करती है । कई ऐसे एग्जाम हुए थे लेकिन अभी तक उसका रिजल्ट नहीं आया । उदाहरण के 2018 के एग्जाम का रिजल्ट 2021 में भी नहीं आया । वही कहा जा रहा है की पिज़्ज़ा की डिलीवरी 30 मिनट में हो जाती है और चुनाव का परिणाम 7 दिनों में हो जाता है।  लेकिन सरकारी नौकरियों के लिए जो एग्जाम के रिजल्ट है सालो तक नहीं आते है ।

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एसएससी में कोई वेटिंग लिस्ट  नहीं है

तीसरी बड़ी प्रॉब्लम है जो स्टूडेंट ने उठायी है की एसएससी में कोई वेटिंग लिस्ट ही नहीं है। आमतौर पर क्या होता है कि मान लीजिए कि सरकारी नौकरी के लिए यहां पर 10000 वैकेंसी है  । स्टूडेंट्स एग्जाम लिखते हैं और क्लियर करते हैं ,उसमें से टॉप 10 हजार को सिलेक्ट किया जाता है। लेकिन उनमें से कुछ स्टूडेंट नौकरियां नहीं लेना चाहते हैं, कुछ और करना चाहते हैं तो सरकार  वेटिंग लिस्ट जारी करती है। और कहती हैं कि नेक्स्ट लाइन में या नेक्स्ट रैंक पर जो स्टूडेंट है उन्हें दे दो। लेकिन एसएससी के मामले में इस तरह की फैसिलिटी नहीं है। वो सीट खाली ही रह जाती है।

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