ईसाई धर्म अपनाने के बाद बेटे ने अपनी माँ का अंतिम संस्कार से किया इंकार तो 1100 किलोमीटर दूर से आयी नातिन ने दी मुखाग्नि

ग्वालियर: हमारे देश में अलग अलग धर्मो के लोग रहते है। सभी धर्म के अपने अपने तौर तरीके और अपनी संस्कृति होती है। लेकिन धर्म परिवर्तन का खेल हमारे देश में भयावह रूप लेता जा रहा है। एक ही परिवार में पले बड़े कुछ लोग बाद में किसी धर्म के ठेकेदारों के बहकावे में आकर अपना धर्म परिवर्तन कर लेते है। जो यह परिवार में बड़े विवाद का कारण बन जाता है। इसी परिपेक्ष में एक गंभीर मामला सामने आया है जहा बेटे ने धर्म परिवर्तन के कारण अपनी माँ का हिन्दू रीती रिवाज से अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। जिसको लेकर बड़ा विवाद उठा है। बाद में उस महिला की नातिन ने अपनी नानी का अंतिम संस्कार किया।
नातिन ने किया अंतिम संस्कार
दरअसल ग्वालियर सिटी सेंटर निवासी धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने ईसाई धर्म अपनाने के बाद डेविड बन गया और अपनी मां सरोज देवी का हिंदू (सनातन) धर्म पद्घति से अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया। जब यह बात उस मृत महिला की नातिन (बेटी की बेटी) को पता चला तो उसने जिलाधीश से शिकायत कर नानी का अंतिम संस्कार रुकवाया, और 1100 किमी दूर झारखंड से आकर नानी के शव को गुरुवार को अपनी सुपुर्दगी में लिया। उसके बाद नातिन ( श्वेता सुमन ) ने लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में नानी के शव का हिन्दू रीति रिवाज से शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया।
एसपी को दिया आवेदन
नातिन ( श्वेता सुमन) ने नानी की मौत व मतांतरण करने के लिए उनके मामा द्वारा दबाव डालने के मामले की जांच कराने के लिए एसपी को भी आवेदन दिया है। हिंदू जागरण मंच के बेटी बचाओ प्रमुख बसंत गोडयाले जानकारी देते हुए बताया कि श्वेता ने पुलिस अधीक्षक अमित सांघी को एक शिकायती आवेदन भी दिया है। जिसमें उसने आरोप लगाया है कि उसके मामा धीरेंद्र प्रताप ने अपनी मां सरोज देवी को धर्म परिवर्तित ना करने के लिए प्रताड़ित भी किया।
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श्वेता ने आरोप लगाया कि जब सरोज देवी ने धर्म परिवर्तन नहीं किया तो बेटे धीरेंद्र ने प्रताड़ित कर मार डाला। हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधीक्षक अमित से प्रकरण की जांच करने और सरोज देवी की मौत के कारणों की जांच की भी मांग की है।