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पुलवामा हमले में शहीद की पत्नी धरने पर बैठी , कहा -जब तक  मांग पूरी नहीं होगी तब तक बैठी रहूंगी

आगरा: सरकार की तरफ से बहुत सारे वादे होते हैं लेकिन शायद ही उस वादे को धरातल पर उतारा जाता है। हम बात कर रहे हैं पुलवामा हमले में शहीद कौशल कुमार रावत  के परिवार की। जिसे अभी तक शिक्षा विभाग द्वारा परिवार की सहायता के लिए एकत्र की गई धनराशि नही दी गई है। जिसको लेकर शहीद की पत्नी ममता रावत आगरा में पति की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गई है। ममता रावत का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी भी धरने से नहीं उठेगी।

प्रतिमा के साथ धरने पर बैठी पत्नी

दरअसल शिक्षकों और कर्मचारियों की मदद से शहीद के परिवार के लिए 65 लाख 57 हजार की धनराशि एकत्र की गई थी। 2 साल बीत चुके हैं लेकिन अभी तक उन्हें यह धनराशि नहीं मिली है। शहीद की पत्नी ने बीते 24 जून को सरकार पर आरोप भी लगाए थे। साथ ही जल्द मांग पूरी नहीं होने पर आत्महत्या करने की भी बात कही थी।

अंत में ममता रावत मांग पूरी ना होने पर गुरुवार को परिवार के साथ पति की प्रतिमा के आगे धरने पर बैठ गई है। वहीं गुरुवार को डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा आगरा के दौरे पर हैं। लेकिन उनके पास समय नहीं है कि वह शहीद के परिवार से मिले। हालांकि उन्होंने कहा है कि उनसे फोन पर बात कर लूंगा।

पुलवामा हमले में शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत का कहना है कि पति की शहादत के तमाम वादे हुए और फिर आचार संहिता लग गई तभी से हम प्रयास कर रहे हैं।  एडीएम सिटी ने फोन पर पूछा था कि अब कब अनावरण  करवाएंगे। लेकिन उसके बाद कोई जवाब नहीं आया। आज डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा आगरा में है उनके पास तमाम काम है पर शहीद के परिवार से  मिलने का  समय उनके पास नहीं है।

शहीद कि शहादत का मजाक

शहीद की पत्नी ने आगे कहा कि शिक्षकों का 1 दिन का वेतन उन्हें ना देना शहीद की शहादत का मजाक है। क्योंकि शिक्षकों के हिसाब से तो उन्होंने परिवार की मदद की पर मदद नहीं मिली। अब मजबूरन धरने पर बैठी हूं। और जब तक  मांग पूरी नहीं होगी तब  तक बैठी रहूंगी।

14 फ़रवरी 2019 में पुलवामा हमले में हुए थे शहीद

बता दे कि 14 फरवरी 2019 के दिन पुलवामा में सीआरपीएफ जवान पर आतंकी हमला हुआ था। जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले में भारतीय सेना के 40 से ज्यादा योद्धा शहीद हुए थे। उन्ही शहीदों के परिवार में से एक परिवार आगरा के कहरई गांव निवासी कौशल कुमार रावत थे।

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