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राजस्थान: जोधपुर में यशस्वी सोनी का नाम मिनिएचर आर्ट के लिए ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में हुआ दर्ज़

जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर शहर की यशस्वी सोनी ने एक बार फिर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है। इस बार यशस्वी सोनी का नाम मिनिएचर आर्ट के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। इससे पहले भी 2020 में ही उसने लगातार 10 साल तक स्कूल जाने का रिकॉर्ड बनाया। इसके लिए भी उसे इंडिया बुक वल्र्ड ऑफ रिकॉर्ड में जगह मिली थी ।

लगातार दूसरे साल बनाया रिकॉर्ड

यशस्वी ने इस बार मिनिएचर आर्ट में अलग-अलग ऑब्जेक्ट पर जोधपुर के विश्व प्रसिद्ध उम्मेद भवन को उकेर कर यह उपलब्धि हासिल की है। और लगातार दूसरे साल यशस्वी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह मिली है।

यशस्वी वर्तमान में नेशनल स्कूल ऑफ जोरहाट डिजाइनिंग इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के जोरहाट (आसाम) की छात्रा है। लॉकडाउन के चलते यशस्वी घर पर है। इस दौरान ही उसने सोचा कि कुछ अलग किया जाए, तो मिनिएचर आर्ट को चुना। उसने विश्व प्रसिद्ध हेरिटेज साइट उम्मेद भवन को अलग-अलग ऑब्जेक्ट पर बनाया।

अलग अलग ऑब्जेक्ट पर बनाया

यशस्वी ने अपने ऑब्जेक्ट चुनने में पूरी दिमागी कसरत की. खासतौर से कुछ ऑब्जेक्ट्स बिल्कुल अलग थे। जिनमें कॉफी से भरा कप भी शामिल था। जिस पर पेय पदार्थ के मिश्रण से उमेद भवन को  उकेरा। इसी तरह से फल के रूप में सेव का चयन किया। इसके अलावा बादाम, राजमा, मेडिसिन टैबलेट, टी शर्ट, चावल, नाखून, पेंट ब्रश सहित 12 ऑब्जेक्ट्स पर उमेद भवन बनाया। उसे उम्मीद है कि वह इससे भी आगे बढ़ेगी। यशस्वी वर्तमान में नेशनल स्कूल ऑफ डिजाइनिंग की छात्रा है और वह इंडस्ट्रियल डिजाइनिंग में पढ़ाई कर रही है।

परिवार ने भी दिया सहयोग

यशस्वी इस तरह के जुनून में उसका परिवार भी उसका सहयोग करता है। उसके पिता महेश सोनी ज्वेलरी का काम करते हैं, जबकि माता नीता ग्रहणी है, लेकिन वह हमेशा अपने बेटी को प्रोत्साहित करती है।उनका कहना है कि मुझे अपनी बेटी की सफलता पर गर्व है। मैं चाहती हुं कि यह हमेशा ही कुछ अलग करे। कुछ अलग करने की ही  चलते वह आज घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर आसाम में नेशनल स्कूल ऑफ डिजाइनिंग में प्रवेश लेकर अध्ययन कर रही है।

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