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केंद्र सरकार पेट्रोल और डीज़ल को जी एस टी के दायरे में लाने की कर रही है तैयारी, ऐसा हुआ तो तेल पर होगा ये असर

नई दिल्ली: पेट्रोल और डीज़ल को केंद्र सरकार जी एस टी की दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। इसकी सुचना लोकसभा में खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी है। वही इस पर कई मतलब निकाले जा रहे है। केंद्र सरकार तेल कि महंगाई को लेकर सारी बदनामी अपने सर नहीं लेना चाहती है।

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लोक सभा में वित्त मंत्री ने कहा कि “पेट्रोल और डीज़ल जीएसटी की दायरे में आना चाहिए। आज पेट्रोल, डीज़ल पर सबसे ज्यादा टेक्स महाराष्ट्र सरकार लेती है। मै यह नहीं कह रही हूँ की कौन सा राज्य सबसे ज्यादा टेक्स लेती है और कौन कम। मुद्दे की बात ये है राज्य सरकार भी पेट्रोल और डीजल पर टेक्स लेती है ना की सिर्फ केंद्र सरकार। आज की चर्चा को सभी राज्य भी देख रहे होंगे और अगर जीएसटी काउन्सिल में ये मुद्दा उठता है तो मुझे इसे एजेंडा में  शामिल करने और उस पर चर्चा करने में ख़ुशी होगी।”

 महंगाई कि वजह

जाहिर है पेट्रोल डीजल की बढ़ती महंगाई की बदनामी केंद्र सरकार अपने सर पर लेना नहीं चाहती है। केंद्र सरकार बताना चाह रही है इससे केवल केंद्र का ही फायदा नहीं है बल्कि राज्यों को भी इसमें मोटी कमाई  होती है। वही वित्त मंत्री के जबाब पर कांग्रेस के नेता रवनीत  सिंह बिट्टू  ने कहा है की सरकार पेट्रोल डीजल की महंगाई  पर राज्य सरकार के वेट की  दुहाई तो दे रही है लेकिन गैस सिलिंडर पर राज्य सरकार तो  टैक्स नहीं लेती है, फिर गैस सिलिंडर के कीमत क्यों बढ़ रहे है।

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बता दे तेल को जीएसटी के दायरे में लाने से तेल की कीमत काफी घट जाएगी। उदाहरण के तौर पर पेट्रोल  की कीमत 40-45 रूपए प्रति लीटर पहुँच सकती है वही डीज़ल की कीमत 30-35 रूपए प्रति लीटर हो सकती है। इसका फायदा ये होगा की तेल पर टेक्स कमाने की होड़ ख़तम हो जाएगी। वही जीएसटी के दायरे में आने से सरकार तेल पर मनमाना टेक्स नहीं लगा सकती। और सभी राज्यों में तेल की कीमत एक हो जाएगी।

जीएसटी के दायरे में लाना होगा मुश्किल

आपको बता दे कि तेल को जीएसटी के दायरे में लाना सरकार के लिए बहुत मुश्किल होगा। क्योकि तेल को  जीएसटी के दायरे में लाने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों  कि सहमति बहुत जरुरी  है। क्योकि राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों तेल पर वैट वसूलती है। अगर ऐसा हुआ तो  दोनों के राजस्व पर इसका काफी असर हो सकता है। ऐसे में सरकार तेल को जीएसटी के दायरे में ला सकेगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल अभी कह पाना मुश्किल है।

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