चलती ट्रेन में बच्चे की रुकी धड़कन, कोच में मचा हड़कंप, देवदूत बनकर आया टिकट कलेक्टर,

पुणे : अपने परिवार के साथ पुणे से कोल्हापुर जा रहे एक 2 साल के मासूम बच्चे की चलती ट्रेन में धड़कन रुकने से कोच में हड़कंप मच गया। बच्चे के मां-बाप असहाय थे, उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि वे आखिर क्या करें? आस पास के लोग भी मजबूर थे। तभी अचानक देवदूत बनकर टिकट कलेक्टर वहां पहुंच गए. उन्होंने समय पर सीपीआर दे कर बच्चे की जान बचाई। यह घटना रविवार को पुणे से कोल्हापुर की ओर जा रही महाराष्ट्र एक्सप्रेस में हुई।
दरअसल ट्रेन से यह परिवार सांगली जा रहा था जब वे ट्रेन में चढ़े तो बच्चे की तबीयत ठीक थी, लेकिन, वठार स्टेशन जाने बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी और धीरे-धीरे उसकी सांस रुक गई व आंखें पीली पड़ गई। बच्चे का हालात देखकर परिवार और आज पास बैठे हुए लोगों के हाथ-पैर फूल गए। कोई भी मदद नहीं कर पा रहे थे।
मदद को पहुंचे टीसी
इस घटना की जानकारी मिलते ही टीसी राजेंद्र काटकर देवदूत बनकर मदद के लिए वहां पहुंच गए। उन्होंने बच्चे को करीब 10 से 15 मिनट तक अपने मुंह से सांस दी। लेकिन बच्चे की हालत में कोई सुधार नहीं दिखा, लेकिन टीसी ने प्रयास जारी रखे। आखिर में 15 मिनट बाद उनकी मेहनत सफल हुई और बच्चे ने रोना शुरू कर दिया। यह देखकर अन्य लोग भी खुश हो गए।
वही राजेन्द्र इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने पीड़ित परिवार को सातारा रेलवे स्टेशन पर डॉक्टर और एम्बुलेंस मुहैया करवाई। बच्चे को सातारा जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां दो घंटे के इलाज के बाद उसे डिस्चार्ज दे दिया गया।