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केंद्र सरकार और किसानों के बीच बातचीत का कोई निष्कर्ष नहीं: मध्य प्रदेश के किसान संगठन ने दिल्ली जाने का क्या फैसला

कृषि कानून के खिलाफ आज छठे दिन भी लगातार किसानों का प्रदर्शन जारी रहा। किसानों ने नोएडा सेक्टर-15 से मयूर विहार एक्सटेंशन तक पूरा रास्ता ब्लॉक कर दिया।  न्यू अशोक नगर में भी जाम किया हुआ है। डीएनडी से घूमकर लोगों को जाना पड़ रहा है।

अब मध्यप्रदेश में भी ग्वालियर ग्रामीण क्षेत्र के किसानों के संगठन ने कल आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली जाने का फैसला किया है और साथ ही किसानों से भी आग्रह किया है कि हमारे साथ मिलकर आवश्यक वस्तु को भी ले जाएं।

हालांकि वही दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों के संगठन और केंद्र सरकार के बीच इस मसले पर बातचीत हुई है लेकिन बातचीत का भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला।  अब 3 दिसंबर को फिर से बात की जाएगी।

जबकि किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह ने कहा कि आज की बैठक अच्छी रही। सरकार अपने स्टैंड से थोड़ा पीछे हटी है। 3 दिसंबर को अगली बैठक है, उसमें हम सरकार को यकीन दिला देंगे कि इन क़ानूनों में कुछ भी किसानों के पक्ष में नहीं है। हम इन क़ानूनों को रद्द करा के जाएंगे।

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा ” हम कल कृषि कानूनों से संबंधित मुद्दों का मसौदा प्रस्तुत करेंगे । चुकी सरकार ने पंजाब, हरियाणा उत्तराखंड , यूपी और दिल्ली के किसानों से बातचीत करनी शुरू कर दी है। इसलिए 3 दिसंबर को होने वाली अगली बैठक तक सरकार के पास सभी मुद्दों को उठाने के लिए मंथन का समय है।

 

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