लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने कॉलेजियम सिस्टम पर उठाये सवाल , कहा- सुप्रीम कोर्ट में मनुवादियो का है कब्ज़ा
पटना: लालू यादव की बेटी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्या न्यायपालिका में कॉलेजियम सिस्टम पर ट्वीट कर लगातार हमला बोल रही है । रोहिणी आचार्या ने कहा कॉलेजियम सिस्टम पर वार करो और मनुवादियो का नाश करो। वही राजद ने अपने ऑफिशियल पेज पर कहा है कि- न्यायपालिका में आरक्षण राजद की भी पुरानी मांग रही है। कॉलेजियम सिस्टम खत्म कर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा आयोग स्थापित कर प्रतियोगिता परीक्षा के जरिए जजों की बहाली होनी चाहिए।
कॉलेजियम सिस्टम पर वार करो
मनुवादियों का नाश करो.. https://t.co/cXSa15Vlwu— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) September 6, 2022
दरअसल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने ये मुद्दा उठाया है और उसके बाद देशभर में इस पर बहस तेज हो गई है। स्टालिन ने तमिलनाडु के एक कार्यक्रम में कहा था कि जजों की नियुक्ति में सभी वर्गों के लोगों को भागीदार होना चाहिए।
रोहिणी ने कॉलेजियम सिस्टम पर किया वार
इस पर रोहिणी आचार्या ने एक के बाद एक किए ट्वीट में लिखा है-‘ कॉलेजियम सिस्टम पर वार करो, मनुवादियों का नाश करो।’ ‘बहुजन समाज को कैसे मिलेगा अधिकार, कॉलेजियम सिस्टम पर है जाति विशेष का अधिकार।’ ‘जब लोकतंत्र हमारा है तब कॉलेजियम सिस्टम के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में मनुवादियों का क्यों कब्जा है।’
‘ग्रुप डी की बहली भी दो चरणों में होती है, फिर कॉलेजियम सिस्टम की बहली एक जाति विशेष एक खानदान की होती है… ‘ ‘जो धारा 370 पर ताल ठोक कर दंभ भरा करते हैं, कॉलेजियम सिस्टम पर फिर क्यों भीगी बिल्ली बन जाते हैं। ‘
रोहिणी आचार्या ने दिलिप मंडल के ट्वीट को रीट्वीट किया है जिसमें दिलीप मंडल ने लिखा है-‘ बिल्कुल सही मांग है। जजों में जातीय विविधता न होने के कारण ज्यादातर जातियों का न्यायपालिका से भरोसा उठ गया है। लोग बाहर ही मामले निपटा रहे हैं। केस लेकर कोर्ट जा नहीं रहे हैं।’
कॉलेजियम सिस्टम पर वार करो
मनुवादियों का नाश करो.. https://t.co/SO0JbKOfhp— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) September 6, 2022
कॉलेजियम सिस्टम कैसी व्यवस्था है ?
बता दें कि कॉलेजियम सिस्टम वह व्यवस्था है जिसके तहत हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के लिए जज ही जज को चुनते हैं। आरोप लगता रहा है कि एक ही जाति के जज अपने ही बेटे, भतीजे या जाति में से जज चुनते हैं ! राज्य के हाईकोर्ट में जज की बहाली करनी हो तो वहां के चीफ जस्टिस और दो सीनियर जज मिलकर नाम सुप्रीम कोर्ट को भेजते हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट उस पर अपनी सहमति केन्द्र सरकार को भेजती है और और फिर सरकार उसे राष्ट्रपति को भेजती है। राष्ट्रपति के यहां से नियुक्ति की जाती है।
सुप्रीम कोर्ट में भी जजों की बहाली की सिस्टम यही है
इसी तरह सुप्रीम कोर्ट के जज की बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और दो सीनियर जज नाम तय कर सरकार को भेजते हैं और सरकार सहमति देते हुए उसे राष्ट्रपति को भेजती है।जबकि लोअर कोर्ट में जजों की बहाली की लिए प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की जाती है। इसी के तहत इन कोर्ट के लिए जज बहाल किए जाते हैं। बिहार में हाईकोर्ट, बीपीएससी के जरिए यह परीक्षा आयोजित कराता है।