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Mahashivratri: महाशिवरात्रि के दौरान व्रत रखना एक लोकप्रिय परंपरा है, भक्तो के बीच यह पर्व अपने आप में अनूठा है

(Mahashivratri) महाशिवरात्रि भारत और दुनिया भर में भगवान शिव के अनुयायियों द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार माघ फागुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारम्भ इसी दिन से हुआ। पौराणिक कथाओं के अनुसार Mahashivratri के दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग के उदय से हुआ।  यह एक ऐसा दिन है जब भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए प्रार्थना करते हैं और अनुष्ठान करते हैं। इसमें  हम महाशिवरात्रि के महत्व और परंपराओं पर करीब से नज़र डालेंगे।

महाशिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा करने के लिए साल का सबसे शुभ दिन माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि इस दिन, भगवान शिव ने तांडव किया था, जो एक लौकिक नृत्य है जो सृजन और विनाश के चक्र का प्रतीक है। यह भी माना जाता है कि भगवान शिव ने इसी दिन अपनी पत्नी देवी पार्वती से विवाह किया था।

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आनंद के साथ मनाते हैं पर्व

शिवरात्रि का पर्व  आध्यात्मिक शुद्धि और नवीनीकरण का दिन है। ऐसा माना जाता है कि व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति आंतरिक शांति, खुशी और आध्यात्मिक विकास प्राप्त कर सकता है। यह त्यौहार परिवार और दोस्तों के बीच के बंधन को मनाने का एक अवसर भी है, क्योंकि लोग एक साथ अपनी भक्ति अर्पित करने के लिए आते हैं और इस दिन को दावत और आनंद के साथ मनाते हैं।

महाशिवरात्रि की परंपराएं

महाशिवरात्रि को भगवान शिव के भक्तों द्वारा बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। त्योहार से जुड़ी कुछ लोकप्रिय परंपराएं और अनुष्ठान निम्नलिखित हैं:

उपवास: महाशिवरात्रि के दौरान व्रत रखना एक लोकप्रिय परंपरा है। भक्त पूरे दिन भोजन और पानी से दूर रहते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं। कुछ लोग इस दिन केवल फल और दूध का भी सेवन करते हैं।

पूजा: भगवान शिव की पूजा करना महाशिवरात्रि का एक अनिवार्य पहलू है। भक्त देवता को बिल्व पत्र, फूल और फल चढ़ाते हैं और रुद्र अभिषेकम करते हैं, एक अनुष्ठान जिसमें शिवलिंग पर दूध, शहद और अन्य पवित्र पदार्थ चढ़ाना शामिल होता है।

जागरण: जागरण महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर मनाया जाने वाला एक रात्रि जागरण है। भक्त रात भर जागते रहते हैं, प्रार्थना करते हैं और भगवान शिव की स्तुति में भजन गाते हैं।

महा मृत्युंजय मंत्र: महा मृत्युंजय मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जिसका पाठ महाशिवरात्रि पर किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसमें नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और भक्तों के लिए समृद्धि और कल्याण लाने की शक्ति है।

 

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दावत: महाशिवरात्रि दावत और आमोद-प्रमोद का दिन भी है। भक्त परिवार और दोस्तों के साथ मिठाइयाँ और नमकीन व्यंजन तैयार करते हैं और बाँटते हैं। इस दिन तैयार किए जाने वाले कुछ लोकप्रिय व्यंजनों में साबूदाना खिचड़ी, व्रत के आलू और ठंडाई शामिल हैं।

महाशिवरात्रि भक्तों के लिए बहुत महत्व और भक्ति का दिन है

महाशिवरात्रि भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत महत्व और भक्ति का दिन है। त्योहार देवता का आशीर्वाद लेने और आध्यात्मिक विकास और कल्याण प्राप्त करने का एक अवसर है। त्योहार से जुड़ी परंपराएं और अनुष्ठान आंतरिक शांति और आध्यात्मिक शुद्धि के महत्व की याद दिलाते हैं।

भगवान शिव से प्रार्थना करें

महाशिवरात्रि परिवार और दोस्तों के बीच के बंधन को मनाने का भी एक अवसर है, क्योंकि लोग अपनी भक्ति अर्पित करने के लिए एक साथ आते हैं और इस दिन को दावत और आनंद के साथ मनाते हैं। जैसा कि हम इस वर्ष महाशिवरात्रि मनाते हैं, आइए हम भगवान शिव से प्रार्थना करें और सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक विकास के जीवन के लिए उनका आशीर्वाद मांगें।

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