बिहार: ग्राम पंचायत चुनाव में मुखिया के लिए बुरी खबर: अब तक वह मुखिया थे लेकिन आगे नहीं रह पाएंगे

बिहार में 2021 में तीन महीने बाद पंचायत का चुनाव होने वाला है। उसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है । इस बार बिहार के पंचायती चुनाव में 300 मुखिया के लिए बुरी खबर है। क्योंकि अब वे मुखिया नहीं रह पाएंगे। दरअसल वे अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। हो सकता है अब तक वह मुखिया थे लेकिन आगे नहीं रह पाएंगे। मुखिया के साथ-साथ पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य और सरपंच पर ऐसा ही संकट आने वाला है।
हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि 117 नगर निकायों का गठन होने जा रहा है । कई नगर निकायों का तो विस्तार होना भी शुरू हो गया है। यही मुख्य कारण है कि करीब 300 पंचायत का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। 300 ग्राम पंचायत अब पंचायत नहीं रहेंगी। इसके अलावा कुछ नए ग्राम पंचायतों का गठन फिर से किया जाएगा। इसमें वैसे पंचायत होंगे जिन का कुछ हिस्सा नगर निकाय में शामिल होने से बच गया है। नई पंचायतों के चुनाव प्रक्रिया के लिए सरकार निर्णय लेगी।
चुनाव प्रक्रिया का प्रारूप
बता दे कि अप्रैल-मई में ग्राम पंचायत चुनाव होने वाले हैं। पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार राज में पंचायत चुनाव के लिए 6 पदों पर चुनाव किए जाने हैं। इसमें मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद के सदस्य शामिल हैं। बिहार में पंचायतों के चुनाव को लेकर 700 मतदाताओं पर एक बूथ का गठन किया गया है। नीतीश कुमार ने पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को प्रमंडल वार चुनाव करने का प्रस्ताव भेजा है।
बता दे कि बिहार में 9 प्रमंडल है। इसलिए माना जा रहा है कि 6 पदों के लिए राज्य में 9 चरणों में चुनाव कराया जा सकता है। ईवीएम से आम चुनाव की जाने को लेकर पंचायती राज विभाग को प्रस्ताव भी भेजा गया है। मुखिया और सरपंच का भी चुनाव ईवीएम मशीन के द्वारा ही किया जाएगा। विभाग ने ईवीएम से चुनाव किए जाने को लेकर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए मंत्री परिषद भी भेजा जाएगा।