झारखण्ड ( बोकारो ): 15 जनवरी को आर्मी दिवस के दिन निकाली गयी तिरंगा यात्रा: जानिए आर्मी दिवस के कुछ खास बाते

झारखण्ड ( बोकारो ): पुरे देश में भारतीय जवानो के लिए 15 जनवरी खास दिन माना जाता है इस दिन भारतीय थल सेना आर्मी डे के रूप में मानती है। भारतीय थल सेना शुक्रवार को 73 वे स्थापना दिवस के रूप में मनायी। जहाँ इस मौके पर राजधानी दिल्ली में सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने परेड को सलामी दिए और सेना को सम्बोधित किये।
इसी क्रम में 15 जनवरी को बी ०एस० एल ,एल ०एच के युवाओं के द्वारा तिरंगा यात्रा निकाल कर ” आर्मी की स्थापना दिवस” मनाया गया । यह यात्रा एल ०एच कॉलोनी से होकर ट्रेनिंग हॉस्टल ग्राउंड तक पहुंचा । इस यात्रा का शुभारंभ “भारत माता की जय ” “देश की सेना जिंदाबाद” के नारों का जय घोष पीयूष पल्लव ने किया ।
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कार्यक्रम में मुख्य रूप से “अखिल भारतीय पूर्व सैनिक परिषद “के प्रांत सचिव “श्री राकेश मिश्रा “एवं जिला उपाध्यक्ष “राजीव कुमार “ने केक- काटकर युवाओं को सेना की स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी । और सेना के प्रति सम्मान और विश्वास को कायम रखने की बात कही । इस कार्यक्रम का नेतृत्व मनीष सिंह कर रहे थे । इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से मिंटू कुमार, पीयूष पल्लव, सूरज कुमार ,पप्पू कुमार , इत्यादि युवाओं ने अपना योगदान दिया । इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कॉलोनी के धावकों ने भागीदारी निभाई।
जानिए आर्मी दिवस क्यों मनाया जाता है ?
भारतीय सेना 15 जनवरी को अपना 73 वां स्थापना दिवस मनाई । देश में हर साल 15 जनवरी को भारतीय थल सेना दिवस मनाया जाता है। आज ही के दिन 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ बने थे। करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में हर साल यह दिन मनाया जाता है। करियप्पा पहले ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी। आर्मी डे पर पूरा देश थल सेना के अदम्य साहस, उनकी वीरता, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है।