मोदी सरकार की रेल कर रही है यात्रियों की जेब ढीली: किराए में 100 से 200 रुपए तक का अंतर

वर्तमान में रेलवे की ओर से अधिक किराए को लेकर आम आदमी को हर दिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों को पहले और वर्तमान के किराए में 100 से 200 रुपए तक का अंतर पड़ रहा है। फिलहाल जो ट्रेनें चल रही है वह सभी कोरोना काल के पहले की है, लेकिन लॉकडाउन के बाद जब चली तो वह उन्हें कोविड-19 और पूजा स्पेशल के नाम से चलाया जा रहा है। जबकि दीपावली और छठ पूजा के बीते हुए लगभग सवा महीने से अधिक हो गया है । लेकिन रेलवे अभी स्पेशल ट्रेनों का परिचालन कर रहा है। स्पेशल ट्रेनों में किराए अधिक रहने के कारण यात्रियों की जेब ढीली हो रही है।
इस मामले को लेकर ना तो रेलवे गंभीर है और ना ही सरकार की ओर से यात्रियों को राहत दिलाने के लिए उचित व्यवस्था की जा रही है। स्पेशल ट्रेन के नाम पर लोगों से अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा है। वही पटना हटिया एक्सप्रेस, पटना रांची जनशताब्दी और सुपर भी पूजा व कोविड-19 स्पेशल ट्रैन के नाम पर एक जगह पर एक ही क्लास के किराए में 100 से 200 रूपए का अंतर है। यात्रियों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि जब वर्तमान में कोई त्यौहार और पूजा नहीं है तो ट्रेनें स्पेशल के नाम से क्यों चल रही है।
रेलवे ने सभी मेल एवं एक्सप्रेस ट्रेनों में प्रति जनरल टिकट पर प्रति 50 km पर 5 रूपए की बढ़ोतरी की है। उदाहरण के तौर पर 294 km पर 155 रूपए पहले किराया था वहां अब किराया 185 रूपए देना पड़ रहा है। वही स्लीपर क्लास में भी किराये की बढ़ोतरी की है जिससे आम लोगो के बजट पर असर पड़ रहा है ।