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यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति चुनाव उम्मीदवार के लिए किया नामांकन, कहा- रबड़ स्टांप आ जाएगा, तो होगा विनाशकारी

नई दिल्ली: विपक्ष  की और से राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार के लिए यशवंत सिन्हा ने  सोमवार को संसद में अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी, NCP प्रमुख शरद पवार, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, NC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और अन्य नेता मौजूद रहे। इससे पहले रविवार को यशवंत सिन्हा ने भाजपा द्वारा राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को लेकर कहा कि एक व्यक्ति को ऊपर उठाने से पूरे समुदाय का उत्थान नहीं होता।

बेटा राजधर्म का तो मै राष्ट्रधर्म का पालन करूँगा

राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने रविवार को कहा कि अगले महीने होने वाला राष्ट्रपति चुनाव व्यक्तिगत मुकाबले से कहीं अधिक है और सरकार की तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध करने की दिशा में एक कदम है। वह अपने बेटे एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद जयंत सिन्हा के बारे में बोले कि मुझे अपने बेटे का समर्थन नहीं है  पर मै  इसे  लेकर किसी ‘धर्म संकट’ में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरा बेटा अपने ‘राज धर्म’ का पालन करेगा और मैं अपने ‘राष्ट्र धर्म’ का पालन करूंगा।’

समुदाय का उत्थान सरकार की  नीतियों पर निर्भर

आगे उन्होंने कहा  , ‘यह चुनाव महज भारत के राष्ट्रपति के चुनाव से कहीं बढ़कर है। यह चुनाव सरकार की तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध करने की दिशा में एक कदम है। सार्वजनिक जीवन के अपने लंबे अनुभव से, मैं कह सकता हूं कि एक व्यक्ति का उत्थान पूरे समुदाय को आगे नहीं बढ़ाता है। पूरे समुदाय का उत्थान सरकार द्वारा अपनाई जाने वाली नीतियों पर निर्भर करता है। इस पर और टिप्पणी किए बिना, मैं कहूंगा कि हमारे अपने इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां एक समुदाय में एक व्यक्ति के उत्थान के जरिये उस समुदाय को एक इंच भी ऊपर उठाने में मदद नहीं मिली है। यह केवल प्रतीकात्मक है और इसके अलावा कुछ नहीं है।’

राष्ट्रपति रबड़ स्टांप आ जाएगा, तो विनाशकारी होगा

सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति भवन में आने वाला व्यक्ति ‘रबड़ स्टांप’ से कहीं अधिक होना चाहिये।‘अगर राष्ट्रपति भवन में एक और रबड़ स्टांप आ जाएगा, तो विनाशकारी होगा.’ उन्होंने याद किया कि ऐसे राष्ट्रपतियों ने अतीत में कुछ मौकों पर किस तरह का व्यवहार किया था। उन्होंने कहा, ‘‘व्यक्तिगत जीत या हार की तुलना में बहुत कुछ दांव पर है। हमारा लोकतंत्र, हमारा संविधान खतरे में है और स्वतंत्रता संग्राम के सभी मूल्य खतरे में हैं, इसलिए भारत को खतरा है और उन्हें भारत की रक्षा के लिए आगे बढ़ना होगा।”

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18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव

बता दे कि आगामी 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है। यशवंत सिन्हा ने दवा किया है संख्याबल और आंकड़े राजग उम्मीदवार के पक्ष में दिखाई देने के बीच मतदान की तारीख से पहले कुछ ‘अदृश्य ताकतों’ का समर्थन मिलेगा। अब  मुकाबले से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है।

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