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बिहार: JDU विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. मेवालाल चौधरी के निधन पर सियासत तेज , अपने ही मंत्री ने बदहाल स्वास्थय व्यवस्था पर उठाया सवाल

पटना: बिहार सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक डॉ. मेवालाल चौधरी  कोरोना के कारण पारस असलपताल में 4.30 बजे सुबह अंतिम सांस ली।  उनका इलाज बीते 3 दिनों से चल रहा था। मेवालाल चौधरी के निधन के बाद उनके परिवार और राजनितिक गलियारों में शोक की लहर है। सीएम नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त किये और कहा  कि वे एक कुशल राजनेता, प्रसिद्ध शिक्षाविद और प्रख्यात समाजसेवी थे। वे मृदुभाषी और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके निधन से मैं व्यक्तिगत रूप से मर्माहत हूं। मेवालाल चौधरी का निधन बहुत ही दुखद है। उनके असामयिक निधन से राजनीतिक, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। मेवालाल चौधरी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

सत्ता पक्ष और विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

वही निधन होने पर सियासत भी तेज हो गई है। विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के लोग भी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। कोरोना के दौरान सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने अपने ही सरकार और बिहार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब हम विधायक और सांसदों को नहीं बचा सकते तब आम जनों को कैसे बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था दे सकते हैं। जबकि RJD विधायक मुकेश रौशन ने इसके लिए बिहार सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि कोरोना से लोगों की जान जा रही है और सरकार हाथ पर हाथ धर कर बैठी है।

नितीश सरकार के बचाव में उतरे DU MLC

हालांकि, नीतीश सरकार के बचाव में जेडीयू उतर आई है. JDU MLC कुमुद वर्मा ने पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी और RJD विधायक डॉ. मुकेश रौशन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोरोना किसी पद या व्यक्ति को देखकर संक्रमित नहीं कर रहा है।  बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाना कहीं से उचित नहीं है। आम और खास सभी के इलाज एक समान सुचारू तरिके से चल रहा है और सरकार कोरोना से बचाव और संक्रमितों के इलाज के लिए लगातार काम कर रही है.। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद पूरी व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे

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