छठ घाट तक वाहनों का प्रवेश वर्जित : सड़कों पर बनाया गया 114 ड्रॉप गेट
पटना: कोरोना काल में छठ का सफल आयोजन प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है नदियों और तालाबों में डुबकी से करोना संक्रमण तेजी से बढ़ने की आशंका से स्वास्थ्य विभाग डरा हुआ है प्रशासन को भी स्वास्थ्य विभाग ने इस आशंका से अवगत करा दिया है जिसके बाद प्रशासन लोगों से घरों में छठ करने की अपील कर रहे हैं लोगों की आस्था को देखते हुए भले ही प्रशासन ने गंगा घाटों पर छठ को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है पर भीड़ नियंत्रित करने के लिए घाटों तक वाहन को ले जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इससे श्रद्धालुओं को परेशानी तो होगी पर ऐसी व्यवस्था उनके स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से की जा रही है घाटों पर किसी तरह की पार्किंग व्यवस्था नहीं रहेगी बेहतर होगा कि व्रती घरों में रहकर ही छठ करें।
अशोक राजपथ से उत्तर गंगा की ओर जाने वाली सभी रास्तों पर ठेला रिक्शा से लेकर किसी प्रकार के वाहनों को ले जाने पर रोक लगा दिया गया है वाहनों पर रोक से श्रद्धालुओं को घाट तक जाने के लिए 5 से 7 किलोमीटर पैदल चलना पड़ सकता है। 21 नवंबर की सुबह 9:00 बजे तक पूरे शहर में वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित रहेगा इस व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के लिए राजधानी की सड़कों पर 114 ड्रॉप गेट बनाए गए हैं अशोक राज पथ के अलावा बेली रोड ,बोरिंग रोड चौराहा, राजीव नगर, पाटलिपुत्र गोलंबर, रमना रोड खजांची रोड और नून का चौराहा सहित दक्षिण की ओर से अशोक राजपथ की ओर जाने वाले तमाम रास्तों के आगे भी ड्रॉप गेट या बैरिकेडिंग लगाई जाएगी।
डीएम कुमार रवि ने कहा है कि कोरोना की वजह से भीड़ नियंत्रण करने के लिए घाटों तक वाहन ले जाने पर रोक लगाई गई है। पैदल चलकर घाटों पर अर्ध देने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं और व्रतियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं घाटों पर कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने के लिए 102 सेक्टर अधिकारी तैनात किए गए हैं वहीं विधि व्यवस्था संभालने के लिए किस सेक्टर पुलिस अधिकारी को जिम्मा दिया गया है। पटना में 93 घाटों पर मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है और 24 खतरनाक घाटों पर जाने से रोकने के लिए भी मजिस्ट्रेट तत्पर रहेंगे। पूर्व घोषित 22 घाटों के अलावा मीनार और बिंद घाट को भी खतरनाक घोषित किया गया है।
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