बिहार: कोरोना टेस्ट के फर्जीवाड़े का मामले पर सियासत तेज: वही 9 सवास्थ्य कर्मियों पर गिरी गाज़
पटना: बिहार में कोरोना टेस्टिंग की फर्जीवाड़े का मामला तूल पकड़ने लगा है। संसद में भी इस मामले को उठाया गया। मीडिया में आई खबरों के बाद आरजेडी सांसद मनोज झा ने इस मसले को संसद में रखा। इस मसले पर सियासत तेज हो गई है। वहीं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले पर कार्रवाई करते हुए पर 4 स्वास्थ्य कर्मी को निलंबित किया है। साथ ही 5 लोगों को बर्खास्त करने का भी आदेश दिया है।
मामला राजयसभा में उठा
बिहार में करोना को लेकर फर्जीवाड़े का मामला राज सभा में उठा। आरजेडी नेता मनोज झा इस मसले को संसद के पटल पर रखा । और इस पर जांच की मांग की। उनके इस मांग को उपराष्ट्रपति ने भी गंभीर माना है। कुछ दिन पहले तक पूरे देश में कोरोना जांच में अव्वल होने पर अपना पीठ थपथापा रही सरकार की आज पूरे देश में किरकिरी हो गई है। फर्जी मोबाइल नंबर के आधार पर हजारों लोगो का कोरना टेस्ट करने का दावा करने वाले इन अधिकारियों के काले करतूतों का असली खुलासा जांच के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल इस मामले पर राज्य सभा के सभा पति वैकैया नायडु और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा0 हर्षबर्धन ने भी चिंता जतायी है।
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स्वास्थय कर्मियों को किया गया निलंबित
उधर मीडिया में जैसे ही फर्जीवाड़े की खबर सामने आई तो सरकार भी एक्टिव हो गई। गड़बड़ी को मानते हुए स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई। जमुई जिला के 9 स्वास्थ्य कर्मियों पर गाज गिरी। इसमें 4 को निलंबित कर दिया गया है और 5 को बर्खास्त करने का आदेश दिया गया है। स्वास्थ्य कर्मियों में जमुई सिविल सर्जन डॉ विजेंद्र सत्यार्थी, जमुई सिकंदरा प्रभारी डॉ साजिद हुसैन, बरहट चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर एनके मंडल, और जमुई जिला प्रतिक्षण पदाधिकारी को निलंबित किया गया। जबकि जमुई जिला कार्यक्रम प्रबंधक , सिकंदरा प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, बरहट प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, और सिकंदरा और बरहट प्रखंड के दोनों चिन्हित एएनएम और लैब टेक्नीशियन को बर्खास्त कर दिया गया है।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नितीश सरकार को घेरा
वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को सरकार को घेरने का मौका मिल गया। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि फर्जीवाड़े के खेल में पैसों की बंदरबांट हुई है और यह मसला वे विधानसभा में भी उठा चुके हैं।
हमारे द्वारा जमीनी सच्चाई से अवगत कराने के बावजूद CM और स्वास्थ्य मंत्री बड़े अहंकार से दावे करते थे कि बिहार में सही टेस्ट हो रहे हैं।
टेस्टिंग के झूठे दावों के पीछे का असली खेल अब सामने आया है कि फर्जी टेस्ट दिखाकर नेताओं और अधिकारियों ने अरबों रुपयों का भारी बंदरबांट किया है!— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 11, 2021
कोरोना जांच में जिस तरह से फर्जीवाड़ा सामने आया है वह तो एक नमूना है। इसमें कोई शक नहीं अगर मामले की जांच पूरी तरह से कि जाए तो हो सकता है कि और भी चौंकाने वाले खुलासे हो।