सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट रूम में नूपुर के वकील मनिंदर सिंह और न्यायधीश के बीच बहस के कुछ अंश
नई दिल्ली: नूपुर शर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगायी है। जस्टिस सूर्यकान्त और जस्टिस पार्डीवाला की बेच ने सुनवाई करते हुए कहा है” नूपुर शर्मा के बयान ने सांप्रदायिक भावनाये भरकायी है। दरअसल नूपुर शर्मा ने पैगम्बर मुहम्मद साहब को लेकर बिबादित टिप्पणियां की थी जिसके बाद उनके खिलाफ चार राज्यों में 9 मुक़दमे दर्ज हुए थे। इसी मुक़दमे को दिल्ली ट्रांसफर करने के लिए कोर्ट पहुंची थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार के साथ याचिका ख़ारिज कर दी। यहाँ तक की सुप्रीम कोर्ट ने टीवी चैनलों पर तीखी प्रतिक्रिया दी उन्होंने कहा “क्या टीवी चैनलों का यही काम है कि एजेंडा चलाने के लिए डिबेट कराएं… सबसे पहले एंकर पर ही केस दर्ज कराना चाहिए था।
कोर्टरूम में नूपुर शर्मा के वकील मनिंदर सिंह और न्यायधीश के बीच बहस के कुछ अंश
• जस्टिस सूर्यकांत- नूपुर की टिप्पणी परेशान करने वाली थी मकसद क्या था?
• मनिंदर सिंह (नूपुर के वकील)– नूपुर ने टिपण्णी वापस कर माफ़ी मांग ली है। फिर भी दुष्कर्म जैसी धमकियां मिल रही हैं।
• जस्टिस सूर्यकांत– नूपुर के बयान से पूरा देश उबल गया है। उनकी बेलगाम जुबान ने सांप्रदायिक भावनाएं भड़कायी है।
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• मनिंदर सिंह- नूपुर ने जो भी विबादित टिपण्णी की थी वह एक एक्शन का रिएक्शन था।
• जस्टिस सूर्यकांत- नूपुर को टीवी पर आकर पुरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए। हमने उनके माफीनामे को देखा है। उसमे कहा गया है अगर किसी को ठेस पहुंची है तो…….
• मनिंदर सिंह- नूपुर भावुक हो गयी थी किसी ने शिवलिंग पर आपत्तिजनक बात कही थी।
• जस्टिस सूर्यकांत- नूपुर बिलकुल भी धार्मिक नहीं है, लोगो को भड़काने के लिए बयान देती हैं। उनकी टिप्पणी में अहंकार की बू आती है। देश के मजिस्ट्रेट उनके लिए बहुत छोटे हैं। अगर आप किसी पार्टी को राष्ट्रीय प्रवक्ता है तो इस तरह की बेतुकी बात करने का लाइसेंस नहीं मिल जाता । सत्ता की ताकत दिमाग पर नहीं हावी होनी चाहिए।
• मनिंदर सिंह- टीवी डिवेट के दौरान दूसरे पक्ष के शख्स ने उकसाया था।
• जस्टिस सूर्यकांत- हमने भी टीवी डिवेट देखी । नूपुर को उकसाने की कोशिश की गयी थी। लेकिन जो नूपुर ने कहा वो शर्मनाक है। उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होना चाहिए।
• मनिंदर सिंह- नूपुर ने टीवी चैनल के एंकर के सवाल का जबाब दिया था।
• जस्टिस सूर्यकांत- ऐसी सूरत में पहले उस एंकर को पर केस करना चाहिए था। क्या टीवी चैनलों का यही काम है कि वे विचाराधीन मामलो में अपने एजेंडो को बढ़ावा देने के लिए डिबेट कराएं। नूपुर के बयान के कारण उदयपुर में दुखद घटना हुई है । नूपुर ने जिसके खिलाफ शिकायत दी उसे तो गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन, ऐसा बयान बातें देने पर नूपुर को गिरफ्तार नहीं किया गया।
• मनिंदर- अर्नब गोस्वामी के मामले में कोर्ट ने कहा था कि लोगों को संविधान में बोलने की आजादी है। यह विचार रख सकता है।
• जस्टिस सूर्यकांत- पत्रकार किसी मुद्दे पर राय व्यक्त कर सकता है। मगर, एक पार्टी प्रवक्ता जो बिना सोचे-समझे गैर जिम्मेदाराना बयान देता है, यह मामला अलग है।
• मनिंदर- नूपुर कहीं पर भाग नहीं रहीं हैं। वे जाँच में शामिल होने को तैयार है।.
• जस्टिस सूर्यकांत- दिल्ली पुलिस ने रेड कार्पेट बिछा रखा है। दिल्ली पुलिस ने 8 जून को एफआईआर दर्ज की थी, अभी तक नपुर को गिरफ्तार क्यों नहीं किया?