कोरोना वैक्सीन को लेकर डॉo हर्षवर्धन ने किया खुलासा: कब तक मिलेगी वैक्सीन और कितनी कीमत हो सकती है
कोरोना महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर के लोग वैक्सीन का इंतजार कर रहे है इसके लिए वैक्सीन बनाने के काम में दुनियाभर के वैज्ञानिक लगे हुए हैं, लेकिन वैक्सीन आखिर लोगों को कब मिलेगी, इस सवाल का स्पष्ट जवाब किसी के पास नहीं है । हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक बयान में कहा है कि अगले साल के पहले 3-4 महीनों में हम देश के लोगों को वैक्सीन प्रदान कर सकेंगे।
डॉ. हर्षवर्धन के द्वारा जुलाई-अगस्त तक, लगभग 25-30 करोड़ लोगों को टीके उपलब्ध कराने की योजना है और उसी के अनुसार तैयारी हो रही है । वही एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 वैक्सीन के प्रबंधन के लिए बने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ने राज्य सरकारों और संबंधित स्टॉकहोल्डर्स (हितधारकों) के साथ मिलकर वैक्सीन के भंडारण और वितरण के लिए एक ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया गया है। दरअसल, एक्सपर्ट ग्रुप (विशेषज्ञ समूह) राज्यों के साथ वैक्सीन की प्राथमिकता तय करने और इसके वितरण के लिए काम कर रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री डाo हर्षवर्धन पहले यह कई बार कह चुके हैं कि निजी और सरकारी स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य विभागों के फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहले कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी। उसके बाद बुजुर्गों को और पहले से ही अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों को टीका लगाया जाएगा। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि एक अरब से ज्यादा की आबादी वाले देश में ऐसा करना आसान नहीं होगा।
दरअसल दुनियाभर में अलग अलग कंपनियों के द्वारा कोरोना की कई वैक्सीन बन रही हैं, सभी कम्पनियाँ अपने वैक्सीन को अच्छी श्रेणी की वेक्सीन बताने में लगी है सबसे आगे फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन की माना जा रहा है।
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के लिए सबसे उपयुक्त ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन ही है, क्योंकि इसको सामान्य तापमान पर भी स्टोर करके रख सकते हैं जबकि फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को रखने के लिए माइनस 20 से माइनस 80 डिग्री तक का तापमान जरूरी है। साथ ही ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन की कीमत भी अन्य वैक्सीन के मुकाबले कम होगी। इसकी एक डोज की कीमत 500 रुपये के आसपास हो सकती है।