covid-19: बिहार में हालात हुए बेकाबू , सबसे ज्यादा कोरोना के मामले राजधानी पटना में, 24 घंटे में चौकाने वाला आंकड़ा आया सामने

पटना: बिहार (Bihar) में कोरोना (COVID-19) से लगातार हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। दरअसल पिछले 24 घंटे में राज्य में सर्वाधिक 3469 पॉजिटिव मरीज मिले हैं। जिससे एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 11998 तक पहुंच चुकी है। ये आंकड़ा बिलकुल डराने वाला है।
सबसे ज्यादा मामले राजधानी पटना में
वही सबसे खराब हालत राजधानी पटना की है, जहां एक दिन में 1431 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। वही गया में भी 310 ,मुजफ्फरपुर में 183, भागलपुर में 97 ,औरंगाबाद में 93, भोजपुर में 74, बेगूसराय में 80,जहानाबाद में 77, कटिहार में 49, पूर्णिया में 87, सारण में 62 और वैशाली में 51 नए मरीज मिले हैं।
इधर, सीएम नीतीश कुमार के निर्देश के बाद राज्य में आरटीपीसीआर जांच में तो तेजी आई है, लेकिन जांच रिपोर्ट में लापरवाही बरती जा रही है. आलम यह है कि पटना में आरटीपीसीआर के लिए अस्पतालों में सैम्पल तो लिए जा रहे हैं लेकिन सैम्पल जांच की रिपोर्ट समय पर नहीं मिल रही है। पटना के एलएनजेपी ,न्यू गार्डिनर,अशोका होटल समेत कई अस्पतालों की 7 से 10 दिनों की रिपोर्ट पेंडिंग है।
देरी से रिपोर्ट आने की वजह
अस्पताल कर्मियों की मानें तो सैम्पल आरएमआरआई भेजी जा रही है, लेकिन वहीं से रिपोर्ट में देरी हो रही है। दरअसल आरएमआरआई जांच सेंटर पर अचानक दवाब बढ़ जाने के बाद मशीनों में तकनीकी खराबी आ गई है। साथ ही संस्थान के 8 तकनीशियन भी पॉजिटिव हो गए हैं जिसकी वजह से कम संख्या में सैम्पल जांच की जा रही है। हालांकि अस्पताल कर्मी ये भी बता रहे हैं कि पॉजिटिव वालों को रिपोर्ट 48 घन्टे में दी जा रही है। लेकिन निगेटिव वालों को रिपोर्ट कई दिनों बाद भी नहीं मिली है। इधर रिपोर्ट के लिए मरीज अस्पताल के रोज चक्कर काट रहे हैं। जानकारी के मुताबिक लगभग 7 हजार सैम्पल की रिपोर्ट पेंडिंग है।
माइक्रो कंटेन्मेंट जोन बढ़ाया गया
पटना जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले में रोज नए माइक्रो कंटेन्मेंट जोन बनाने का भी काम चल रहा है और माइक्रो कंटेन्मेंट जोन बढ़कर 240 तक पहुंच गया है। वहीं सभी सार्वजनिक स्थलों पर भी तेजी से टेस्टिंग का काम भी चल रहा है. ऐसे में पॉजिटिव की संख्या बढ़ने पर अस्पताल पर भी दवाब बढ़ने लगा है।