मधुबनी के लोकहा पंचायत में मतदाताओं की उमड़ी भीड़, जनता को बदलाव की आशा

मधुबनी: बिहार में पंचायत चुनाव वाकई खास है । पहली बार, पंचायत चुनाव में ईबीएम (EVM) मशीन का इस्तेमाल किया गया है । बोट गिराने के दौरान काफी निगरानी रखा जा रहा हैं। यह निगरानी चुनाव आयोग और प्रशासन की तैयारी से हुआ है । इस बार पंचायत चुनाव को लेकर माना जा रहा है कि ग्रामीण जातिवाद से उठकर पढ़े लिखे नौजवान उम्मीदवार को देखना चाहते हैं। जनता बदलाव की आशा में लगे हैं।
परिवर्तन की जरुरत
मधुबनी जनता का कहना है की पंचायत चुनाव में बदलाव की बहार आने वाली है इस चुनाव में ग्रामीण अपनी सरकार उन्हें चुनना जारी है ,जो गांव का विकास और सभी सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचा सके। मधुबनी के लौकहा करमेघ उत्तरी से कुल छह उम्मीदवार मुखिया पद के लिए खड़े हैं। लेकिन, इस पर ग्रामीण का कहना है की हमें परिवर्तन की जरूरत है। ग्रामीण के द्वारा यह जानकारी प्राप्त हुआ है कि यहां के ग्रामीण चंद्र भूषण प्रसाद उर्फ संतोष जी जिसे मुखिया पद के लिए चुनना सही लगा है जिन का चुनाव चिन्ह ढोलक छाप है।
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जनता का ये भी कहना है कि चंद्रभूषण प्रसाद के दादाजी स्वर्ग्ये गोपाल जी साह जो कि पूर्व मुखिया रह चुके हैं, जिनके समय में जातिवाद से उठकर उन्हें चुना गया था, वही दौर आज फिर से जनता ला रही है। जनता का कहना है- परिवर्तन हि संसार का नियम है। जनता का यह भी कहना है ,चंद्र भूषण प्रसाद लौकहा क्षेत्र में किसी भी सामाजिक कार्य के लिए हमेशा आगे बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं और यहां के जनता उन्हें बहुत पसंद करती हैं। जनता के आग्रह पर ही चंद्र भूषण प्रसाद इस बार मुखिया उम्मीदवार के लिए खड़े हुए हैं।
लौकहा क्षेत्र में 15 वार्ड है। जहां से सभी जनता का एक ही कहना है। इस बार ढोलक को जीता कर समाज को एक नई दिशा में ले जाना है। चंद्र भूषण प्रसाद का यह कहना है की जब तक मेरी जिस्म में सांस रहेगा तब तक मैं जनता का सेवक बन कर रहूंगा । जनता के द्वारा यह जानकारी प्राप्त हुआ है कि लौकहा उत्तरी क्षेत्र में डबल इंजन की सरकार चल रही थी , जिसके वर्तमान काल में जनता तक किसी भी प्रकार की सरकारी योजना नहीं पहुंची हैं।
पूर्व मुखिया से परेशान जनता
यहां तक कि गरीब जनता को इंदिरा आवास नहीं मिल पाई है। बुजुर्गो को वृधा पेंशन नही मिला है। यहां की गरीबों का राशन कार्ड तक नही बनवाया जा रहा है। आज भी यहां की औरते ,बच्चे – बूढ़े शौचालय के लिए जब बाहर जाते हैं तो उन्हें काफी समस्या और शर्मिंदगी झेलनी परती हैं। जनता के पूर्व मुखिया राजेंद्र ठाकुर सिर्फ वोट मांगने आते हैं । जनता इस बार काफी परेशान हो चुकी है ।
डबल इंजन की सरकार नहीं चाहिए
इस बार जनता का एक ही नारा है – डबल इंजन की सरकार उन्हें नहीं चाहिए। इस बार सभी जनता परिवर्तन चाहते हैं। वोटिंग सेंटर से भी सिर्फ ढोलक छाप की लहर लौकहा करमेघ उतरी में गूंज रही है।आज से कुछ ही दिनों में ये भी घोषणा हो जाएगी की इस बार फिर डबल इंजन की सरकार बन रही हैं या पढ़े लिखे नौजवान की सरकार।
रिपोर्ट: गौरव