पीएम मोदी के तीनो कृषि कानून वापस लेने पर कांग्रेसी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जारी किया बयान, सरकार को सही MSP पर फैसले की जरूरत

नई दिल्ली: PM मोदी के कृषि कानून वापस लेने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बयान जारी किया है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि पिछले 7 सालों से भाजपा ने लगातार खेती पर हमला बोला है, उम्मीद है कि प्रधानमंत्री MSP सुनिश्चित करेंगे व भविष्य में राज्य सरकारों,किसान संगठनों और विपक्षी दलों की सहमति बनाएंगे।
कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी का पूरा बयान पढ़े:-
लगभग 12 महीने के गांधीवादी आंदोलन के बाद आज देश के 62 करोड़ अन्नदाताओं-किसानों-खेत मजदूरों के संघर्ष व इच्छाशक्ति की जीत हुई। आज उन 700 से अधिक किसान परिवारों की कुर्बानी रंग लाई, जिनके परिवारजनों ने न्याय के इस संघर्ष में अपनी जान न्योछावर की आज सत्य, न्याय और अहिंसा की जीत हुई।
अन्नदाता की जीत हुई
आज सत्ता में बैठे लोगों द्वारा बुना किसान-मजदूर विरोधी षडयंत्र भी हारा और तानाशाह शासकों का अहंकार भी। आज रोजी-रोटी और किसानी पर हमला करने की साजिश भी हारी। आज खेती-विरोधी तीनों काले कानून हारे और अन्नदाता की जीत हुई।
यह भी पढ़े: PM मोदी को किसानों के आगे झुकना ही पड़ा. पीएम मोदी ने की तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा।।
सात सालों से लगातार भाजपा सरकार खेती पर बोला हमला
पिछले सात सालों से भाजपा सरकार ने लगातार खेती पर अलग-अलग तरीके से हमला बोला है। चाहे भाजपा सरकार बनते ही किसान को दिए जाने वाले बोनस को बंद करने की बात हो या फिर किसान की जमीन के उचित मुआवजा कानून को अध्यादेश लाकर समाप्त करने का षडयंत्र हो। चाहे प्रधानमंत्री के वादे के मुताबिक किसान को लागत + 50% मुनाफा देने से इनकार कर देना हो या फिर डीज़ल व कृषि उत्पाद की लागतों में भारी भरकम वृद्धि हो या फिर तीन खेती विरोधी काले कानूनों का हमला हो।
सही कीमत यानी MSP कैसे मिले ये सोचने की जरूरत
आज जब भारत सरकार के NSO के मुताबिक किसान की औसत आय ₹27 प्रतिदिन रह गई हो, और देश के किसान पर औसत कर्ज ₹74,000 हो, तो सरकार व हर व्यक्ति को दोबारा सोचने की जरूरत है कि खेती किस प्रकार से सही मायनों में मुनाफे का सौदा बने किसान को उसकी फसल की सही कीमत यानि MSP कैसे मिले।
विपक्ष के साथ राय मशवरे के बाद हो फैसला
किसान व खेत मजदूर को यातना नहीं, याचना भी नहीं, न्याय और अधिकार चाहिये। यह हम सबका कर्तव्य भी है और संवैधानिक जिम्मेदारी भी प्रजातंत्र में कोई भी निर्णय सबसे चर्चा कर सभी प्रभावित लोगों की सहमति और विपक्ष के साथ राय मशवरे के बाद ही लिया जाना चाहिए। उम्मीद है कि मोदी सरकार ने कम से कम भविष्य के लिए कुछ सीख ली होगी।
यह भी पढ़े: भारत सरकार के NSO के मुताबिक किसानों की औसत आय 27 रुपये प्रतिदिन, ऐसे में मुनाफे का सौदा कैसे बने
अंत में सोनिया गांधी ने कहा – मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री व भाजपा सरकार अपना राजहठ व अहंकार छोड़कर किसान कल्याण की नीतियों को लागू करने की ओर ध्यान देंगे MSP सुनिश्चित करेंगे व भविष्य में ऐसा कोई कदम उठाने से पहले राज्य सरकारों, किसान संगठनों और विपक्षी दलों की सहमति बनाई जाएगी।