NSA? इस व्यक्ति के खिलाफ ऐसा प्रतिशोध क्यों? मनीष कश्यप पर दर्ज मुक़दमे को लेकर चीफ जस्टिस ने जताई हैरानी

NSA पर हैरानी जताते हुए चीफ जस्टिस ने कहा, ‘उसके खिलाफ एनएसए? इस व्यक्ति के खिलाफ ऐसा प्रतिशोध क्यों?’
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी शुक्रवार को यूट्यूबर मनीष कश्यप की याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने NSA पर हैरानी जताते हुए कहा, ‘उसके खिलाफ एनएसए? इस व्यक्ति के खिलाफ ऐसा प्रतिशोध क्यों?’ वही इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया कि दक्षिणी राज्य में प्रवासी मजदूरों पर हमले के फर्जी वीडियो प्रसारित करने के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर मनीष कश्यप को मदुरै केंद्रीय कारागार से स्थानांतरित न किया जाए। इस मामले में आगे की सुनवाई 28 अप्रैल को की जाएगी।
अनुच्छेद 32 के तहत मांगी गई राहत
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत अपनी हिरासत को चुनौती देने वाली कश्यप की याचिका पर तमिलनाडु और बिहार सरकार को नोटिस जारी किया। पीठ ने कहा, ‘अनुच्छेद 32 के तहत मांगी गई राहत के अलावा याचिकाकर्ता ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत उसके खिलाफ जारी हिरासत के आदेश को भी चुनौती दी है।
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याचिकाकर्ता को याचिका में संशोधन करने की अनुमति दी जाती है। संशोधित याचिका पर नोटिस जारी करें।’ पीठ ने कहा, ‘हम याचिकाकर्ता को मदुरै केंद्रीय कारागार से स्थानांतरित न करने का निर्देश देते हैं।’
सुनवाई के दौरान जब मनीष कश्यप की ओर से पेश वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है। यूट्यूबर के खिलाफ तमिलनाडु में छह और बिहार में तीन प्राथमिकियां पहले ही दर्ज हैं। इस पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने हैरानी जताते हुए कहा, ‘उसके खिलाफ एनएसए? इस व्यक्ति के खिलाफ ऐसा प्रतिशोध क्यों?’
तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कश्यप ने यह दावा करने वाले फर्जी वीडियो बनाए कि बिहार के प्रवासी मजदूरों पर तमिलनाडु में हमले किए जा रहे हैं। सिब्बल ने कहा, ‘उसके 60 लाख फॉलोअर्स हैं। वह एक राजनेता है। उसने चुनाव लड़ा है। वह कोई पत्रकार नहीं है।’