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BJP MP Varun Gandhi ने ‘अग्निपथ योजना’ पर रक्षा मंत्री को लिखा पत्र, कहा- सरकार अपना पक्ष साफ़ करे।

नई दिल्ली: अग्निपथ योजना को लेकर लोक सभा सांसद (Varun Gandhi) वरुण गाँधी और राज्य सभा सांसद डॉ वी शिवदासन ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है। पत्र के जरिये बेरोजगार युवाओ को असमंजस की स्थिति से बहार निकलने के लिए अतिशीघ्र इस योजना से जुड़ी नीतिगत तथ्यों को सामने लाने और  सरकार का पक्ष साफ़ करने को कहा है।

वही राज्य सभा सांसद डॉ वी शिवदासन ने कहा है कि केंद्र सरकार को हमारे देश के सशस्त्र बलों को अनुबंधित करने के वर्तमान कदम से हटना चाहिए। सैनिक को संविदात्मक पद को कम करना एक अदूरदर्शी उपाय होगा जो हमारे राष्ट्र की संभावनाओं के लिए हानिकारक होगा।

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वरुण गाँधी ने पत्र में लिखा है केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवाल देश भर के युवाओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुझसे साझा किया है। युवाओं के मन में चल रहे इस संशय को आपके ध्यानाकर्षण हेतु प्रेषित कर रहा हूं।

सेना में 15 साल की नौकरी के बाद रिटायर हुए नियमित सैनिकों को कॉरपोरेट सेक्टर नियुक्त करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते। ऐसे में 4 साल की अल्पावधि के उपरांत इन अग्निवीरों का क्या होगा? चार साल सेना में सेवा देने के दौरान इन युवकों की पढ़ाई बाधित होगी। साथ ही साथ अन्य समकक्ष छात्रों की तुलना में ज्यादा उम्रदराज होने के कारण अन्य संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने व नौकरी पाने में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।

किसान परिवार, निम्न व मध्यमवर्ग से आते है

किसान परिवार, निम्न व मध्यमवर्ग से आने वाले इन अग्निवीरों को सरकार द्वारा निर्धारित कम वेतनमान के कारण घर चलाने में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। स्पेशल ऑपरेशन के समय सशस्त्र बलों में स्पेशलिस्ट कॉडर वाले सैनिकों की आवश्यकता होती है, ऐसे में महज 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग प्राप्त इन सैनिकों के कारण वर्षों पुरानी रेजिमेंटल संरचना बाधित हो सकती है। इस योजना से प्रशिक्षण लागत की बर्बादी भी होगी, क्योंकि 4 साल के उपरांत सेना इन प्रशिक्षित जवानों में केवल 25% का उपयोग ही करेगी। जो रक्षा बजट पर अनावश्यक बोझ साबित होगा।

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 75% चार वर्षों के बाद पुन: बेरोजगार

इस योजना के लागू होने के पश्चात हर वर्ष भर्ती किये गए युवाओं में से 75% चार वर्षों के बाद पुन: बेरोजगार होंगे। हर साल यह संख्या बढ़ती जाएगी। इससे देश के युवाओं में असंतोष और अधिक पनपेगा। हमें उन युवाओं के बारे में भी सोचना होगा जिनकी उम्र सीमा कोरोना एवं भर्ती सही समय पर नहीं होने के कारण पार कर गयी है।

महोदय, आपसे आग्रह है कि इन बेरोजगार युवाओं के हितों को सर्वोपरि रखते हुए सरकार अतिशीघ्र इस योजना से जुड़ी नीतिगत तथ्यों को सामने लाए और अपना पक्ष साफ़ करे।

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