नितीश सरकार ने दूसरी शादी के लिए बनाये नए नियम, दूसरी शादी के लिए सरकार से लेनी होगी अनुमति

- दूसरी शादी के लिए सरकार से लेनी होगी अनुमति अन्यथा शादी मान्य नहीं होगी
- अनुकम्पा के लिए पत्नी का स्थान पहले माना जाएगा उसमे भी पहली पत्नी को
- दूसरी पत्नी को नौकरी में स्थान तभी मिलेगा जब पहली अनापत्ति जमा करे
पटना: बिहार में नितीश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए दूसरी शादी को लेकर कुछ नए नियम बनाए हैं। राज्य सरकार के इस नए नियम के अनुसार बिहार सरकार में कार्यरत किसी भी स्तर के कर्मियों के लिए दूसरी शादी के लिए पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी इसके बाद ही यह शादी वैध मानी जाएगी। अगर दूसरी शादी की पर्सनल लॉ से मान्यता मिल गई हो और सरकार से अनुमति नहीं मिली है तो भी यह शादी मान्य नहीं होगी।
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पत्नी का स्थान पहले माना जायेगा
सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव डॉ बी राजेंदर ने इससे संबंधित आदेश सभी विभागों के प्रमुख, डीजीपी, अनुमंडलीय आयुक्त व सभी जिलाधिकारियों को जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि सरकार से अनुमति लेकर इस तरह का दूसरा विवाह विधिसम्मत होने पर ही ऐसी स्थिति में जीवित पत्नियों या इनके बच्चे अनुकंपा आधारित नियुक्ति के लिए मान्य होंगे। इसमें भी पत्नी का स्थान पहले माना जायेगा।
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पहली पत्नी को पहला स्थान
अगर किसी मामले में एक से अधिक विवाह वैद्य हो, तब भी सभी जीवित पत्नियों का अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए आश्रितों की श्रेणी में पहला स्थान ही होगा। परंतु ऐसी स्थिति में पहली पत्नी का पहला स्थान माना जाएगा। दूसरी पत्नियों के मामले में तभी विचार किया जायेगा, जब पहली पत्नी अनापत्ति शपथ-पत्र जमा करे। इस शपथ-पत्र की सत्यता की जांच के बाद ही अन्य आश्रितों की नियुक्ति पर विचार किया जायेगा।
पहली पत्नी का अनापत्ति या शपथ-पत्र देना होगा
पहली पत्नी के अलावा अगर किसी दूसरी पत्नी की नियुक्ति पर विचार करने की बात सामने आती है, तो ऐसे में सभी जीवित वैद्य पत्नियों की तरफ से अनापत्ति या शपथ-पत्र देना अनिवार्य होगा। इसी के आधार पर अनुकंपा बहाली होगी.।