इंजीनियरिंग-मेडिकल कॉलेज के एडमिशन में लड़कियों को 33% आरक्षण देना एक युगांतरकारी फैसला, मंत्री सुमित कुमार सिंह ने नितीश कुमार को दिया धन्यवाद

पटना: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने तकनीकी संस्थानों में महिला आरक्षण को क्रांतिकारी बताया वही सरकार के इस फैसले को युगांतकारी बताते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। मंत्री सुमित सिंह ने कहा कि इससे और अच्छी बात क्या हो सकती है जब तकनीकी शिक्षा के लिए अब बेटियों को राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसके लिए धन्यवाद दिया।
महिलाओ के एडमिशन में 33% मिलेगा आरक्षण
विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों के नामांकन में महिला व छात्राओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्णय को ऐतिहासिक और क्रांतिकारी करार दिया है। सुमित सिंह ने कहा यह राज्य में महिला सशक्तिकरण में एक मील का पत्थर साबित होगा। आगे उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री खुद अभियंत्रण के क्षेत्र से आते हैं। उन्होंने यह युगांतरकारी फैसला लिया हैं। मुझे गर्व है कि विभाग के मंत्री के रूप में इस फैसले का सहभागी बनने का अवसर मिला।
इसके अलावा उन्होंहे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिलाओं के उत्थान के लिए हमेशा प्रयासरत रहे हैं। पहले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, स्कूल के शिक्षक नियुक्ति और राज्य सरकार की सभी नौकरियों में महिलाओं को आरक्षण दिया और अब इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज के नामांकन में भी उन्हें आरक्षण देने का प्रावधान किया है। उन्होंने ने कहा कि बिहार में इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय और मेडिकल विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। यह सराहनीय कदम है। यह शैक्षणिक विशेषज्ञता के क्षेत्र में बड़ा बदलाव का वाहक बनेगा।
मंत्री सुमित सिंह ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना हो रही है। वहीं कई जिलों में मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। ऐसे में राज्य की बेटियों को इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इस क्षेत्र में लिंगानुपात भी सुधरेगा। इंजीनियरिंग में अभी भी छात्राओं की अपेक्षा छात्र ज्यादा होते हैं। ऐसे में छात्राओं को तकनीकी शिक्षा हासिल करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
बता दे नितीश कुमार के इस फैसले से अब बिहार देश का पहला राज्य होगा, जहां इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में न्यूनतम एक तिहाई सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित होंगी। इस तरह बिहार महिला सशक्तिकरण के मामले में देश के समक्ष एक और मिसाल पेश करेगा।