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बिहार : अस्पतालों की सुविधा हेतु सरकार ने लिए बड़ा फैसला, हर अस्पतालों में मरीजों के लिए पहुंचेगी “दीदी की रसोई “

पटना: बिहार सरकार की सात निश्चय पार्ट-2  योजना में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया गया है इसी सिलसिले में बीते दिन रविवार को  कई योजनाओं का उद्घाटन किया गया।वही स्वास्थ्य की हालत सुधारने के लिए राज्य सरकार ने कई योजनाओं की आज शुरुआत के साथ – साथ कुछ योजनाओं के लिए समझौता भी किया है।

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बता दे कि बिहार सरकार ने आज स्वास्थय सुविधा और बेहतर हो उसके लिए सरकार ने अनेक सुविधाओं की शुरुआत की । उनमे से मुख्य “दीदी की रसोई” और 102 एमरजेंसी बिहार एप्प है। अगर इन सुविधाओं को ईमानदारी से लागू किया जाए तो संदेह नहीं कि बिहार के लोगों को बेहतर इलाज के लिए बाहर का रूख नहीं करना पड़ेगा।

102 इमरजेंसी  बिहार ’ APP

बिहार सरकार ने 102 इमरजेंसी से के लिए ‘102 Emergency Bihar’ APP को लॉच किया है इस ऐप को आम लोग गुगल प्ले स्टोर से अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप में रोगी या इसके तिमारदार को एंबुलेस सुविधा का लाभ उठाने के लिए रजिस्टर कराना होगा। इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत ये होगी कि, एंबुलेस कहां पहुंची, एंबुलेस (Ambulance) के ड्राइवर कौन हैं। कितनी देर में एंबुलेंस पहुंचेगी ये सभी जानकारी मिल सकेगी। इस पोर्टल का उपयोग सरकार भविष्य में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के मकसद से करेगी।

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“दीदी की रसोई” : जीविका दीदी और स्वास्थय विभाग बिहार के बीच समझौता

अस्पतालों में “दीदी की रसोई” की शुरुआत करने को लेकर जीविका दीदी और स्वास्थय विभाग बिहार के बीच समझौता हुआ। इसका मकसद बिहार के सभी जिला और अनुमंडल अस्पतालों में रियायती दरों पर शुद्ध और पौष्टिक भोजन की आपूर्ति मरीजों को करना है। अस्पताल के अंदर कैंटीन बनाई जाएगी और मरीजों को भोजन जीविका दीदी (Jeevika Didi) यानि कार्यकर्ता देंगी। फिलहाल बिहार के सात जिलों बक्सर, शिवहर, सहरसा, मानपुर(गया), शेखपरा, पूर्णिया और वैशाली के सदर अस्पताल में ये सुविधा उपलब्ध है।

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