बिहार: डस्टबिन खरीद में घोटाला , CAG ऑडिट रिपोर्ट से सिवान और बिहार शरीफ में लगभग 7 करोड़ रुपये के घोटाले का हुआ खुलासा

पटना: बिहार में डस्टबिन में हुए घोटाले का मामला सामने आया। नगर निगम और नगर परिषद् में मानक मूल्यों से तीन गुने जयादा कीमतों पर डस्टबिन खरीदने का खुलाशा हुआ है। सी ऐ जी (CAG) रिपोर्ट से इस मामले का खुलासा किया गया। इस खुलासे से राज्य सरकार फिर से एक बार निशाने पर है। विपक्ष ने जहाँ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो वही सत्ताधारी दलों को बोलते नहीं बन रहा है।
सिवान और बिहार शरीफ में हुई लापरवाही
दरअसल सी ए जी (CAG) ने विधान सभा में पेश किये गए अपने ऑडिट रिपोर्ट में नगर परिषद् सिवान और नगर निगम बिहार शरीफ में डस्टबिन खरीद में बड़े पैमाने पर लापरवाही पकड़ी है। इसके अनुसार नगर परिषद् सिवान में फ़रवरी 2018 में और नगर निगम बिहार शरीफ में दिसंबर 2017 से जनवरी 2018 के ऑडिट में हुई गड़बड़ी का मामला सामने आया है।
मानक मूल्यों से जयादा में की गयी खरीद
2014 और 2017 में दोनों नगर निकयो ने 6760 डस्टबिन की खरीद की थी। कूड़ेदान खरीद में सक्षम प्राधिकारी का अनुमोदन नहीं प्राप्त किया गया था। टेंडर में कूड़ेदानों की संख्या और विशिष्ट विवरण का उल्लेख भी नहीं था। ब्रांडेड कंपनियों के डस्टबिन 4602 रुपये में प्रति इकाई उपलब्ध था ,लेकिन सिवान और बिहार शरीफ में प्रति इकाई डस्टबिन 7585 से लेकर 11285 रूपए तक की खरीद की गयी थी। इस खरीद से लगभग 7 करोड़ रुपये का नुक्सान हुआ।
वही 2019 में ख़रीदे गए डस्टबिन का बिना इस्तेमाल किये पाया गया। सबसे खास बात तो ये रही सिवान में डस्टबिन खरीद के लिए जो मूल्य सरकार के पास भेजा गया वो 18700 रुपये प्रति यूनिट रखा गया । जबकि बिहार शरीफ में 15000 रुपये प्रति यूनिट रखा गया। जो बेस्ट ब्रांड के मूल्य से भी कई गुना ज्यादा है। इस खुलासे के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया तो वही सत्ताधारी दल को इस पर कुछ बोलते नहीं बन रहा है।