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मध्य प्रदेश: नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से 90 प्रतिशत लोग हुए ठीक , ऐसे में MP पुलिस के सामने आई अजीब समस्या

मध्य प्रदेश: पूरा देश कोरोना वायरस की मार झेल रहा है। कोरोना वाइरस  के मामले बढ़ने के साथ-साथ देश में तेजी से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की खबरें भी सामने आई। वही नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन को लेकर मध्यप्रदेश से चौकाने वाली खरबर सामने आयी है। बताया जा रहा है की नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से लोग जल्दी रिकवर हो रहे है। इसको लेकर मध्य प्रदेश की  पुलिस में असमंजस की स्थिति बन गयी है कि वो क्या करे ?

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90 प्रतिशत लोग में फेफड़े का संक्रमण ख़त्म

दरअसल मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिविर लगवाने वाले 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने कोरोना संक्रमण को मात दे दी है। इतना ही नहीं जिन लोगों ने नकली रेमडेसिवर लगवाई उन लोगों में से 90 प्रतिशत लोगों का फेफड़े का संक्रमण भी खत्म हो गया। अब नकली रेमडेसिवर बेचने वाले लोगों के खिलाफ जांच करने वाली एमपी पुलिस के सामने यह समस्या है कि आखिर कैसे आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करे।

कैसे केस दर्ज करे: पुलिस के सामने समस्या

बता दे कि सीएम ने आदेश जारी करते हुए MP पुलिस को निर्देश दिया था कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वालो पर हत्या केस दर्ज करे। उसके बाद पुलिस ऐसे गिरोह पर नजर रख रही है जो रेमडेसिविर की कालबाजारी कर रहे हैं या फिर ऐसे लोग जो नकली रेमडेसिविर बेच रहे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन कोरोना से पीड़ित लोगो के लिए वरदान साबित हो रहा है। ऐसे में  राज्य की पुलिस के सामने अजीबो- गरीब  समस्या पैदा हो गई है कि वह नकली रेमडेसिविर बेचने वालों के खिलाफ कैसे केस दर्ज करे?

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