जामताड़ा के साइबर शातिरों पर USA की नजर : USA डिकोड करेगा जामताड़ा के साइबर शातिरों का दिमाग

झारखण्ड: साइबर क्राइम की अगर बात करे तो झारखण्ड राज्य के जामताड़ा का नाम जरूर आता है। यहाँ तक की जामताड़ा के नाम पर वेब सीरीज भी बन चुकी है । यह झारखण्ड का एक ऐसा जिला जहाँ से एक फोन लोगो को कंगाल बना देता है । मिनटों में एटीएम हैक हो जाता है। बैंक अकाउंट साफ हो जाता है। यह सब साइबर अपराधियों के तेज और शातिर दिमाग की वजह से होता है।
इसको लेकर अमेरिका जामताड़ा के साइबर शातिरों के ब्रेन मैपिंग की योजना बना रहा है। ताकि भविष्य में इसका सही दिशा में इस्तेमाल किया जा सके। हिंदुस्तान के झारखण्ड के छोटे से शहर जामताड़ा की धरती है। जहाँ अब अमेरिका की नजर रहेगी। यह जिला पूरी दुनिया में साइबर क्राइम के लिए बदनाम है। यहाँ का शातिर दिमाग अच्छे अच्छे लोगो को चुना लगा रहा है। साल 2012-13 में जामताड़ा के साइबर शातिरों ने एटीएमों से करोडो को लूट की । देखते देखते जामताड़ा साइबर क्राइम का हब बन गया।
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जामताड़ा के एसपी दीपक कुमार सिन्हा ने बताया अमेरिका द्वारा जामताड़ा के साइबर शातिरों पर रिसर्च की बात सामने आयी है। और वे लोग पहुंचते है तो सहयोग दिया जायेगा। जामताड़ा प्रशाशन को अभी तक कोई आधिकारिक सुचना नहीं मिली है। अनजान लोगो को कॉल करके बैंक डिटेल धोखे से हासिल करना उसके लिए आसान काम है । और बैंक अकाउंट से अपने बैंक अकाउंट में पैसे ट्रंसफर कर लेना वहां के साइबर शातिरों के लिए आम बात है। यही वजह है कि अमेरिका साइबर शातिरों के ब्रेन पर रिसर्च करना चाहता है।