बिहार में कोर्ट का एक अनोखा फैसला, नाबालिक युवक द्वारा दुष्कर्म किए जाने में उसके माता-पिता भी बराबर के दोषी करार है।।

भागलपुर:- बिहार के भागलपुर में पाक्सो मामले को लेकर कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है, जो आनेवाले समय में नाबालिक लड़कों द्वारा दुष्कर्म किए जाने के मामले में बड़ा उदाहरण साबित होगा। यहां दुष्कर्म के एक मामले में हुए सुनवाई के दौरान न्यायाधीश आनंद कुमार सिंह की अदालत ने जुर्म करने के समय नाबालिग रहे आरोपित के मां-बाप को दोषी करार दिया है। जज ने आरोपित के पिता सुभाष मंडल और मां संयुक्ता देवी को सजा सुनाने की तिथि नौ दिसंबर तय की है।
रेप का यह मामला सितंबर 2016 में बाथ थाना दर्ज किया गया था। आरोप है कि आरोपित छोटूू ने छात्रा को धोखे से अपनी बाइक पर बैठाकर अपने घर ले गया और उसे अपने कब्जे में रखा, उससे दुष्कर्म किया। बाद में उसे लेकर अपने साथ दिल्ली भी चला गया। इस दौरान भी लड़की के साथ दुष्कर्म किया गया। अदालत ने माना कि जब आरोपित लड़की को धोखे में रखकर अपने घर लाया तो इसकी जानकारी उसके मां-बाप को थी. लेकिन उन्होंने अपने बेटे को इसे लेकर मना नहीं किया बल्कि पीड़िता को ही धमकाया और फटकार लगाई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लड़की किसी तरह आरोपित के चंगुल से बाहर भागी और अपने पिता को फोन किया. घर वाले लड़की के पास पहुंचे और उसे वापस बाथ स्थित अपने घर लेकर आए थे।
बाथ थाना क्षेत्र में छात्रा के साथ 2016 में हुए दुष्कर्म की मामले में आरोपित के मां-बाप को भी नामजद बनाया गया था। दुष्कर्म के आरोपित के नामजद मां-बाप का ट्रायल पाक्सो की विशेष न्यायालय में चला और अंतत: दोनों को अदालत ने दोषी माना अदालत ने इस मामले में आज सुनवाई की और दोनों को मुजरिम करार दिया है दुष्कर्म के इस घटना को लेकर अदालत ने ये माना है कि बेटे की इस घिनौनी करतूत में मां-बाप का भी पूरा सहयोग था। सरकार की तरफ से विशेष लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल बहस के लिए मौजूद रहे, जिनके द्वारा पेश किए गए साक्ष्य व दलील को कोर्ट ने सही करार दिया। वहीं दुष्कर्म के इस मामले में आरोपित की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में पहले ही स्थानांतरित हो चुकी थी।।