Election Commission ने लिया सख्त फैसला, चुनाव प्रचार या रैली में बच्चे को शामिल नहीं किया जाये, नहीं तो…….

Election Commission ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है पोस्टर/पैम्फलेट का वितरण या नारेबाज़ी, अभियान रैलियों, चुनाव बैठकों आदि में बच्चे को शामिल नहीं करना है।
नई दिल्ली: चुनाव आयोग (Election Commission) ने चुनाव संबंधी किसी भी गतिविधि में बच्चों के इस्तेमाल को लेकर सख्त निर्देश जारी किये हैं। सभी राजनीतिक दलों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी रूप में चुनाव प्रचार में बच्चों का उपयोग न करें। आयोग का कहना है अगर कोई उम्मीदवार गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जायेगा तो उसके खिलाफ बाल श्रम निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।
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चुनाव आयोग ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है पोस्टर/पैम्फलेट का वितरण या नारेबाज़ी, अभियान रैलियों, चुनाव बैठकों आदि में बच्चे को शामिल नहीं करना है। यहाँ तक कि बच्चे को गोद में लेना, वाहन में बच्चे को ले जाना या रैलियों में शामिल नहीं कर सकते है।
गाइडलाइन के मुताबिक़ किसी भी बच्चे को राजनितिक अभियान में शामिल नहीं कर सकते है जैसे कविता पाठ करवाना, गीत, नारे या बच्चो के द्वारा बोले गए शब्द या उनके द्वारा किसी भी राजनितिक पार्टी अथवा उम्मीदवार के चुनाव चिन्हो को प्रदर्शित करना शामिल है।
आयोग ने कहा है सभी उम्मीदवार या राजनितिक दल को बाल श्रम द्वारा संसोधित बाल श्रम निषेध अधिनियम 1986 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करवाना आवश्यक होगा।