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सरकार का आदेश जारी: अब सरकारी कर्मचारियों पर केस दर्ज करने से पहले लेनी होगी सरकार की इजाजत

पटना: बिहार में सरकारी कर्मचारी और पदाधिकारी को लेकर सरकार ने नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत अब किसी भी सरकारी पदाधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराने के पहले सरकार से इजाजत लेनी पड़ेगी। सरकार का कहना है कि सभी मामले आपराधिक नहीं हो सकते।  इस मामले में पूरा अधिकार सरकार  का है क्योकि नियोजन सरकार ने की है इसलिए कार्रवाई की प्रकृति सरकार ही तय करेगी।

शिक्षा विभाग द्वारा दिया गया आदेश

दरअसल  बिहार सरकार के एक पुराने आदेश का हवाला देते हुए शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसी भी सरकारी पदाधिकारी या कर्मचारी के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करने से पहले सरकार से इजाजत जरूरी है। इस बाबत  शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने राज्य के सभी आरडीडीई, सभी डीईओ और सभी डीपीओ को बिहार सरकार के एक पुराने आदेश का उल्लेख करते हुए निर्देश दिया है कि किसी भी सरकारी पदाधिकारी या कर्मचारी के विरुद्ध मुकदमा या प्राथमिकी दर्ज करने के संबंध में राज्य सरकार के निर्णय के मुताबिक ही कार्रवाई की जाए।

दिया पत्र का हवाला

अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने 2008 में तत्कालीन प्रधान सचिव अफजल अमानुल्लाह के पत्र का हवाला देते हुए निर्देश दिया है कि किसी विभाग या संगठन से संबंधित किसी पदाधिकारी या कर्मी के द्वारा कोई ऐसा काम किया गया है जिसमें विभाग/संगठन/सरकार को क्षति हुई है, तब ऐसी परिस्थिति में संबंधित विभाग या संगठन के प्रधान के परामर्श से ही आपराधिक मामला दर्ज होगा।

प्राथमिकी दर्ज करने से पहले  सुनिश्चित होना आवश्यक

प्राथमिकी दर्ज करने के समय यह सुनिश्चित होना  आवश्यक है कि आरोपित सरकारी अधिकारी/कर्मी का दोष आपराधिक प्रवृत्ति का है। सरकारी अधिकारी/कर्मी के कार्यकलाप से यदि सरकार को क्षति होती है तो सरकार जो कि नियोजक है, उसी को यह अधिकार प्राप्त है कि वह उस कर्मी पर किस तरह  की कार्रवाई करे।

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